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धमतरी : छह माह से लटका मनरेगा में 10 करोड़ का मटेरियल भुगतान

सरपंच व ठेकेदार काट रहे जिला पंचायत का चक्कर मनरेगा मजदूरों को भी नहीं मिला चार करोड़ का भुगतान धमतरी, 21 मई ( हि. स.)। मनरेगा योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाले सरपंच व ठेकेदारों को भुगतान के लिए पिछले सात माह से जिला पंचायत कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। आबंटन नहीं होने से करोड़ों का भुगतान लटका हुआ है। इधर पेमेंट लेने मटेरियल सप्लायर सरपंचों को परेशान कर रहे हैं, इससे वे परेशान हैं। मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में विभिन्न विकास और निर्माण कार्य करने वाले सरपंचों व ठेकेदारों का करोड़ों रुपये का भुगतान मनरेगा योजना में अटका हुआ है। जिला पंचायत कार्यालय धमतरी के मनरेगा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में करीब 10 करोड़ से अधिक का मटेरियल भुगतान किया जाना है। नवंबर 2020 से अब तक आबंटन की कमी के चलते भुगतान अटका हुआ है। सरपंच व ठेकेदार भुगतान की मांग को लगातार जनपद पंचायत व जिला पंचायत कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से उनमें मायूसी है। सरपंचों को क्षेत्र के मटेरियल सप्लाई करने वाले जिन्होंने निर्माण कार्य के लिए छड़, सीमेंट व गिट्टी दिए है, इन लोगों को महीनों बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। दुकानदार सरपंचों से उधार की रकम मांगने उनके घर तक पहुंच रहे हैं, इससे सरपंचों का जीना हराम हो गया है। समय रहते यदि मटेरियल भुगतान शासन से नहीं मिला, तो सरपंच और ठेकेदारों की परेशानी दोगुनी हो जाएगी। कई सरपंचों को तो उधारी के चलते मुंह छिपाना पड़ रहा है। सरपंच और ठेकेदारों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही मटेरियल भुगतान करने की मांग की है, ताकि वे सप्लायरों का कर्ज अदा कर सकें। लंबे समय से भुगतान के लिए शासन से आबंटन प्राप्त नहीं हुआ है, ऐसे में भुगतान अटका हुआ है। मजदूरों को भी भुगतान नहीं जिले के 370 ग्राम पंचायतों में से 314 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत काम चल रहा है। इन पंचायतों में 45624 मजदूर हर रोज काम कर रहे हैं। जिलेभर में 800 काम किया जा रहा है। जिसमें तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, नाली निर्माण, डबरी निर्माण, खेत मरम्मत आदि शामिल है। धमतरी के 93 पंचायतों में काम चल रहा है। वहीं कुरूद के 95, मगरलोड के 48 और नगरी के 80 पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत काम जारी है। लंबे समय से काम कर रहे मनरेगा मजदूरों का भी चार करोड़ मजदूरी भुगतान अटका हुआ है। मजदूरों को भुगतान करने के लिए एफटीओ किया जा चुका है, लेकिन शासन से आबंटन का इंतजार है। जिला पंचायत एपीओ धरम सिंह ने बताया कि शासन से राशि मिलते ही मटेरियल व मजदूरी का भुगतान शीघ्र किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

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