dhamtari-heavy-thunder-showers-chill-from-morning-to-night
dhamtari-heavy-thunder-showers-chill-from-morning-to-night

धमतरी : तेज गर्जना के साथ हुई बारिश, सुबह से रात तक रही ठिठुरन

धमतरी, 18 फरवरी ( हि. स.)। तेज गर्जना के साथ अंचल में कुछ समय के लिए जोरदार बारिश हुई। वहीं सुबह से शाम तक आसमान में बादल वाला मौसम होने की वजह से ठिठुरन बनी रही। लोग गर्म कपड़ों के साथ घरों से बाहर निकले। वहीं दोपहर में भी लोग ठिठुरन से बचने अलाव का सहारा लेते रहे। खराब मौसम का विपरीत असर लोगों के सेहत पर पड़ने लगा है। साथ ही बारिश से खरीदी केन्द्रों में रखे लाखों क्विंटल धान पर खतरा मंडराने लगा है। पिछले दो दिनों से अंचल में खराब मौसम का दौर जारी है। 18 फरवरी की सुबह से आसमान में बादल वाला मौसम बना रहा। दोपहर तक मौसम में किसी तरह परिवर्तन नहीं हुआ। वातावरण में सर्द हवाओं के साथ ठिठुरन होने लगी। ठंड से बचने लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। शासकीय दफ्तरों, बाजार व सामान्य जगहों पर लोग स्वेटर, जर्सी पहने हुए दिखे। वहीं दोपहर को भी खराब मौसम के कारण ठिठुरन बने रहने से जगह-जगह अलाव जलता रहा। दोपहर तीन बजे आसमान में तेज गर्जना के साथ धमतरी शहर व आसपास के गांवों में कुछ समय के लिए तेज बारिश हुई। अचानक बारिश होने से लोगों को परेशानी हुई। बारिश से बचने लोग जहां दिखे वहां शरण लिए। देर शाम तक खराब मौसम का दौर जारी रहा। जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों में 17 लाख 58160 क्विंटल धान पड़ा है, जिस पर खराब मौसम और बारिश का खतरा मंडराने लगा है। अंचल में कुछ समय के लिए इस बारिश से जमीन पर धान रखने वाले केन्द्रों में बारदाना व धान पर विपरीत असर पड़ेगा। बारदाना व धान भींगने से उसमें रखने धान पर अंकुरण आने की आशंका बन सकती है। नया केन्द्रों में शेड का अभाव है। क्षेत्र के कसावाही, सोरम केन्द्रों में धान की बोरियों को जमीन पर रखा गया है, जहां बारिश से धान पर खतरा मंडराने लगा है। समर्थन मूल्य में धान की खरीदी बंद होने के लंबे समय बाद भी धान के उठाव में तेजी नहीं आ रहा है। अभी तक सिर्फ 24 लाख 67810 क्विंटल धान का ही उठाव हुआ है। प्लास्टिक वाले बारदाना में धान खरीदी करने वाले बालोद जिले का धान धमतरी जिले के मिलर उठा रहे हैं, इसलिए धमतरी जिले के धान खरीदी केन्द्राें में धान का उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है, इससे समिति सदस्यों में नाराजगी है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in