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धमतरी : कोदो, कुटकी व रागी की खेती करने किसानों में दिलचस्पी नहीं

पुरानी सोच और धान लगाने की आदत किसानों में हावी धमतरी, 27 जून ( हि. स.)। कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य लघु धान्य फसल लेने पर राज्य सरकार प्रति एकड़ किसानों को 10 हजार रुपये अनुदान देने की घोषणा की है, इसके बाद भी जिले के किसान इसकी खेती को करने तैयार नहीं है। कृषि विभाग ने सिर्फ फसल लक्ष्य का रकबा बढ़ाया है। प्रचार-प्रसार कर किसानों को प्रेरित नहीं किया गया है, यही वजह है कि अधिकांश किसान आज भी धान फसल लेने तैयार है। जिले के नगरी, मगरलोड और डुबान क्षेत्र के गिनती के किसान ही अपने खेतों व मेड़ों पर कोदो, कुटकी व रागी की फसल लेते हैं, वह भी स्वयं प्रेरित होकर। इसका उपयोग किसान स्वयं अपने घरों के लिए करते हैं, लेकिन इस साल राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य लघु धान्य फसल लेने वाले किसानों के लिए 10 हजार रुपये अनुदान की घोषणा की है, इसके बाद भी किसान तैयार नहीं है। आज भी किसान अपने खेतों में धान फसल को महत्व दे रहे हैं, यही वजह है कि कृषि विभाग के धान फसल के लिए लक्ष्य इस साल भी एक लाख 35 हजार हेक्टेयर है। यदि किसान राज्य सरकार के अनुदान की घोषणा से प्रेरित होकर खेती करते, तो धान फसल का लक्ष्य कम हो जाता है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रेरित करने के लिए 10 हजार रुपये अनुदान की घोषणा की गई है, इसके बाद से ही कृषि विभाग ने मक्का, ज्वार, कोदो, कुटकी व लघु धान्य फसल रागी के लिए पहले से लक्ष्य बढ़ा दिया है, लेकिन किसान खेती करने तैयार नहीं है। किसान कौशल कुमार नेताम, रमेश सिन्हा, भुनेश्वर ध्रुव का कहना है कि सिर्फ अनुदान मिलेगा, लेकिन उत्पादन के लिए पर्याप्त मार्केट नहीं है, यही वजह है कि वे धान फसल को ही महत्व देंगे। कोदो-कुटकी व दलहन-तिलहन का बढ़ा लक्ष्य कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल मक्का, ज्वार, कोदो, कुटकी समेत अन्य लघु धान्य रागी का लक्ष्य बढ़ाए है, ताकि किसान राज्य सरकार के अनुदान से प्रेरित होकर खेती कर सके। पिछले साल 1180 हेक्टेयर पर इसकी खेती हुई थी, इस साल 2500 हेक्टेयर का लक्ष्य है। पिछले साल 424 हेक्टेयर पर उड़द लगाया गया था, इस साल रकबा बढ़ाकर 424 हेक्टेयर किया गया है। अरहर का लक्ष्य 650 हेक्टेयर पर, मूंग 360 हेक्टेयर और कुल्थी 100 हेक्टेयर पर बोने का लक्ष्य रखा है। कृषि उपसंचालक जीएस कौशल का कहना है कि कोदो-कुटकी, रागी समेत अन्य फसल लेने के लिए क्षेत्र के किसानों को प्रेरित किया गया है। वहीं शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई है, ताकि किसान प्रेरित हो सके। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

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