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धमतरी : मकान व किराये की दुकानों में संचालित हो रही आंगनबाड़ियां

धमतरी, 25 फरवरी ( हि. स.)I जिले में 37 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास स्वयं का भवन नहीं है। कुछ केंद्र किराये पर घर व दुकानों में संचालित हो रहे हैं। कुछ केन्द्र सामाजिक भवन व स्कूलों के खाली भवनों पर चलाए जा रहे हैं। गांव की अपेक्षा शहर में स्थिति खराब है। शहर में 18 और गांव में 19 केन्द्रों के लिए भवन नहीं है। कहीं भवन बनाने के लिए जगह नहीं है ,तो कही जगह है तो फंड नहीं है। जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में कुल 1103 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 37 केंद्रों के पास स्वयं की बिल्डिंग नहीं है। भवन के अभाव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के साथ नौनिहालों को कई तरह की परेशानियां होती है। जिन केंद्रों के पास बिल्डिंग नहीं है, ऐसे केंद्र किराए के स्थान पर संचालित हो रहे हैं। धमतरी शहर में 15 आंगनबाड़ी केंद्र किराए पर चलते हैं। सभी का अलग-अलग किराया निर्धारित है। धमतरी शहर के घासीदास वार्ड में एक दुकान में केंद्र संचालित है, जहां तीन कमरे व शौचालय की सुविधा है। यहां किराया 3000 रुपये हैं। वहीं मकेश्वर वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र एक व्यक्ति के घर पर संचालित है, यहां का किराया 800 रुपये है। इसी तरह आमापारा में दो आंगनबाड़ी केंद्र किराए पर हैं। धमतरी शहर में 15 केंद्र किराए पर संचालित है। तीन केंद्र सामुदायिक भवन व स्कूलों के खाली भवन में चल रहे हैं। धमतरी शहर में प्रतिमाह आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करने के लिए शहरी विकास परियोजना कार्यालय को 34900 रुपये किराया पटाना पड़ता है। शहरी परियोजना अधिकारी चित्ररेखा यादव का कहना है कि शहर के जिन वार्डों में आंगनबाड़ी केंद्र किराए पर संचालित है, वहां स्थानाभाव है। शासन से बिल्डिंग की स्वीकृति हो गई थी, लेकिन भवन बनाने के लिए जगह नहीं होने के कारण अब तक नहीं बनाया जा सका। गांवों में 19 आंगबाडियों के पास भवन नहीं नया-पुराना आंगनबाड़ी केंद्र मिलाकर जिले के ग्रामीण अंचलों के गांवों में संचालित 19 केंद्रों के पास स्वयं का बिल्डिंग नहीं है, इसलिए सामुदायिक भवन व स्कूलों के खाली भवन पर संचालित हो रहे हैं। ग्रामीण सालों से बिल्डिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में जिला महिला बाल विकास अधिकारी एमके नायक ने बताया कि इस साल के विधानसभा बजट में जिले के सभी 37 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए बिल्डिंग स्वीकृति की मांग का प्रस्ताव भेजा गया है। मनरेगा व विभागीय योजना से बिल्डिंग निर्माण के लिए राशि स्वीकृत होने की उम्मीद है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

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