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धमतरी : पुलिस अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप, आरक्षक ने सौंपा इस्तीफा

धमतरी, 28 अप्रैल ( हि. स.)। पुलिस अधिकारियों द्वारा माली से लेकर घरों में जूठन धुलाने जैसे काम कराने व परेशानी बताने पर गाली- गलौज करने का आरोप लगाकर एक आरक्षक ने 11 सालों की नौकरी करने के बाद एसपी कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर पुलिस अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले प्रताड़ना की जानकारी हर वर्ग को दी है। पहली बार किसी आरक्षक द्वारा इस तरह दमदारी दिखाकर वीडियो वायरल करना व इस्तीफा देने की पेशकश की पुलिस अधिकारियों व जवानों में काफी चर्चा है। पुलिस लाइन रुद्री में पदस्थ आरक्षक उज्जवल दीवान 27 अप्रैल को एसपी कार्यालय पहुंचे। एसपी के नाम ज्ञापन सौंपकर पुलिस अधिकारियों द्वारा घरों में माली से लेकर नौकरों की तरह काम कराने समेत कई आरोप लगाकर ज्ञापन सौंपा है। सौंपे गए ज्ञापन में आरक्षक ने यह भी बताया है कि कोई आरक्षक अधिकारियों को अपनी समस्या बताते हैं तो सालों पुराना पुलिस एक्ट का नियम बताकर उनके साथ गाली- गलौज करते हैं। कोई अपना अधिकार बताकर कोई भी शिकायत करते हैं तो उलटा उन्हें नोटिस दिया जाता है। कोई भी मामले में आरक्षकों की शिकायत पर बिना जांच के लाइन अटैच, निलंबित व अन्य करवाई कर देते हैं। सालों से वेतन विसंगति की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन मांगे अभी पूरा नहीं हुआ। हाल ही में कोरोना संक्रमण काल में उनके एक दिन का वेतन न काटा जाए, शासन को पत्र लिखा और ये सब शिकायत करने के बाद उनका ट्रांसफर नक्सल थाना क्षेत्र मेचका कर दिया गया है। वह यहां भी जाने तैयार है, लेकिन समय दिया जाए। पुलिस अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर अब उन्होंने एसपी कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 28 अप्रैल को एसपी कार्यालय में उनका इस्तीफा पत्र लेकर पावती दिया गया है। हालांकि अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। दुर्ग शहर निवासी आरक्षक उज्जवल दीवान ने बताया कि वह 11 सालों से पुलिस में नौकरी कर रहा है। उनके एक लड़का है और घर में माता-पिता है। पिता हवलदार के पद से रिटायर्ड हुए हैं। वे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, क्राइम ब्रांच, नक्सल आपरेशन, मेचका थाना में ड्यूटी कर चुके हैं। इस दौरान पुलिस अधिकारियों का सालों से प्रताड़ना झेले हैं। ऐसे ही प्रताड़ना के चलते कई पुलिस जवान आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन वे उनमें से नहीं है। पुलिस को भी अपने हक की लड़ाई लड़ने का अधिकार है। वे सालों से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पुलिस जवानों की वेतन बढ़ाने की मांग भी करते आ रहे हैं। इस्तीफा के बाद वह बिजनेस व समाज सेवा करते हुए पुलिस जवानों पर हो रहे प्रताड़ना के खिलाफ भविष्य में लड़ाई लड़ते रहेंगे। चाहे पुलिस में हो या न हो। फिलहाल पुलिस प्रशासन ने उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया है। एसपी मनीषा ठाकुर के मुताबिक जवान का प्रशासकीय आदेश के तहत ट्रांसफर किया गया है। ट्रांसफर वाले स्थान पर नहीं जाने कई तरह की बाते उनके द्वारा किया जा रहा है। इस्तीफा भी दिया गया है। जवान की यह हरकत उचित नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

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