ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी पंचतत्व में विलीन

ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी पंचतत्व में विलीन

ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी पंचतत्व में विलीन अपडेट.... सिरोही, 27 मार्च (हि.स.)। ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने माउंट आबू स्थित संस्थान के ग्लोबल अस्पताल में गुरुवार रात 2 बजे अंतिम सांस ली। शुक्रवार दोपहर शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के चलते संस्थान की चुनिंदा ब्रह्मकुमारियों की मौजूदगी में दादी की पार्थिव देह को कुछ देर दर्शनार्थ रखा गया। संस्थान मैनेजिंग ट्रस्टी और मीडिया प्रभाग की अध्यक्ष बीके करुणा ने बताया कि दादी मां जानकी 91 वर्ष की उम्र में वर्ष 2007 में संस्थान की मुखिया नियुक्त की गईं थीं। दादी के मार्गदर्शन में दुनियाभर के 140 देशों में फैले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के 8 हजार 500 से अधिक सेवाकेंद्रों का संचालन किया जा रहा है। दादी की मेहनत, त्याग-तपस्या के चलते भारतीय पुरातन संस्कृति अध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन का संदेश उन्होंने अकेले विश्व के 100 से अधिक देशों में पहुंचाया। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे 12 घंटे जन की सेवा में सक्रिय रहती थीं। दादी के नाम नाम विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वल्र्ड रिकार्ड भी है। अमेरिका के टेक्सास मेडिकल एवं साइंस इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षण के बाद दादी को मोस्ट स्टेबल माइंड ऑफ द वल्र्ड वूमन से नवाजा गया था। अविभाज्य भारत के हैदराबाद सिंध प्रांत में 1916 में जन्मी दादी जानकी ने मात्र चौथी कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। लोगों को दुख, दर्द और तकलीफ, जातिवाद और धर्म के बंधन में बंधे देख उन्होंने अल्पायु में ही समाज परिवर्तन का दृढ़ संकल्प किया। साथ ही अपना जीवन समाज कल्याण, समाजसेवा और विश्व शांति के लिए अर्पण कर दिया। माता-पिता की सहमति के बाद 21 वर्ष की आयु में वे ब्रह्माकुमारीज से जुड़ गईं। 60 साल की उम्र में वर्ष 1970 में दादी जानकी पहली बार विदेशी जमीं पर मानवीय मूल्यों और आध्यात्मिकता का बीज रोपने के लिए निकलीं। दादी ने सबसे पहले लंदन से वर्ष 1970 में ईश्वरीय संदेश की शुरुआत की। दादी के साथ हजारों की संख्या में बीके भाई-बहन जुड़ते गए। दादी जानकी ने वर्ष 1970 से वर्ष 2007 तक 37 वर्ष विदेश में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद वर्ष 2007 में संस्था की तत्कालीन मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के शरीर छोडऩे के बाद उन्हें 27 अगस्त को ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका नियुक्त किया गया। देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दादी जानकी को स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एंबेसेडर भी नियुक्त किया था। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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