हर्बल कंपनी का एक्जीक्यूटिव बन 44 लाख की लगाई चपत, जालसाज नाइजीरियाई गिरफ्तार

हर्बल कंपनी का एक्जीक्यूटिव बन 44 लाख की लगाई चपत, जालसाज नाइजीरियाई गिरफ्तार

नई दिल्ली, 05 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली पुलिस ने एक नाइजीरियाई मूल के नागरिक को चीटिंग केस में गिरफ्तार किया है। उसने हर्बल कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर 44 लाख से ज्यादा की ठगी की थी। आरोपी के पास से तीन मोबाइल फोन, पांच एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप और एक हार्ड डिस्क बरामद की है। इसकी पहचान ओकलीव फ्रैंकलीन चिबुंडम उर्फ जोलो के रूप में हुई। एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश ने बताया कि इस साल 1 फरवरी को संजीव नामक व्यक्ति ने सरिता विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया 29 नवंबर 2019 टकाशी मोचिदा मौजूदा नामक व्यक्ति ने जापान के टोक्यो में स्थित हर्बल कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर उनसे लिंकडिन के जरिए संपर्क किया। जिसने कहा उन्हें 10 हजार पैकेट्स अलका लाइट सीडस, ब्राउन मेडिकल पर्पज के लिए चाहिए। उन्हें मोटा मुनाफे का झांसा दिया गया। उसने वेस्ट बंगाल के जलपाईगुड़ी स्थित एक सप्लायर का नाम व पता भी उन्हें बताया था। जिसके बाद जलपाईगुड़ी की शानू माइनिंग ग्रुप से एक महिला ने उनसे संपर्क किया। खुद की पहचान आरती मुखर्जी देते हुए उसने कंपनी की सेल्स मैनेजर बताया। एक पैकेट की कीमत 2 लाख 10 हजार बताई गई। इस तरह उन्होंने 44 लाख 25 हजार में डील फिक्स की और अलग अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कर दी। आरोपियों ने बाद में ना ही उन्हें हरबल सीड्स उपलब्ध कराएं और ना ही उनका पैसा दिया। मामले की जांच के दौरान पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार कर लिया।करने में सफलता हासिल की। आरोपी से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ वह महरौली इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। उसने कंप्यूटर साइंस में 2 साल का डिप्लोमा कर रखा है। वह नाइजीरिया में कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर के तौर पर जॉब भी कर चुका है। अप्रैल 2014 में वह अपने दोस्त के कहने पर भारत में टूरिस्ट वीजा पर आया था। शुरुआत में उसने कपड़ों और जूतों का कारोबार किया। इसी दौरान अपने कुछ नाइजीरिया के साथियों के साथ मिलकर वह ठगी के धंधे में शामिल हो मैदान गढ़ी इलाके में एक पुलिस कांस्टेबल ने हिम्मत दिखा 2 महिला ट्रांसजेंडर की जान बचा ली। इन्हें मारने के लिए 5 लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी। बदमाशों ने उन पर निशाना भी साधा, लेकिन एक बार गोली नहीं चल सकी तो दूसरी बार वे चूक गए। आखिरकार, कांस्टेबल ने उन्हें भागने के लिए मजबूर कर दिया। जिसके बाद उसने अपनी टीम के साथ उन्हें अम्बेडकर नगर तक पीछा किया और धर दबोचा। आरोपियों की पहचान मदनगीर निवासी 24 साल मुकेश और 21 साल प्रदीप के तौर पर हुई। इनके पास से 2 पिस्टल, कारतूस और बाइक बरामद हुई है। आरोपियों ने खुलासा किया पिंकी नाम की एक महिला ट्रांसजेंडर ने उन्हें इस मर्डर की सुपारी दी थी, जिसके बदले एडवांस राशि 20 हज़ार दी गयी। मामले में शिकायतकर्ता बनी एक महिला ट्रांसजेंडर ने डेढ़ साल पहले पिंकी के पति की हत्या कर दी थी। इस केSके में वह कुछ दिनों पहले ही पैरोल पर छूटकर बाहर आई थी। पिंकीं पति के मौत का बदला लेना चाहती थी, इसलिए उसने उन्हें मारने की प्लानिंग की थी। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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