स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ असहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-जिलाधिकारी

स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ असहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-जिलाधिकारी

मुंबई,12 अगस्त (हि. स.)। पालघर में कोरोना संकट के दौरान, स्वास्थ्य प्रणाली दिन-रात काम कर रही है और ग्रामीण स्तर पर आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को काम करना पड़ता है, लेकिन कभी-कभी नागरिकों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। अगर नागरिक स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सहयोग करने के बजाय असहयोग करते हैं,तो ऐसे लोगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उक्त बातें जिलाधिकारी कैलास शिंदे ने कही है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क ट्रेसिंग को बढ़ाने के लिए मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। जिलाधिकारी शिंदे ने कहा कि,स्वास्थ्य कर्मियों से बदसुलूकी जिले के लिए अच्छा नहीं है कि अगर इस तरह से जारी रहा तो कोरोना के मरीजों और मौतों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, दुर्भाग्य की बात है कि, स्वास्थ्य कर्मी को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मारपीट का सामना करना पड़ता है। जब चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारी परीक्षण के लिए आपके गाँव में आते हैं,तो संदिग्ध रोगी होते हैं। उन्हें आगे आना चाहिए और स्वयं परीक्षण करना चाहिए,ताकि जितना संभव हो सके उतने रोगियों को उनके जीवन के लिए संभावित खतरे से बचाया जा सके। हालांकि,अगर नागरिक इसमें बाधा डाल रहे हैं, तो पुलिस को उचित कार्रवाई कर रही है। यह बात जिला कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे से व्हीसी के माध्यम से कही। नागरिक लक्षण दिखाते हैं, लेकिन बुखार केे मरीज क्लिनिक में नहीं आते हैं, परीक्षण नहीं किया जाता है, इसलिए धोखाधड़ी की दर बढ़ रही है। इसलिए बड़ी ग्राम पंचायतों और नगरपालिका परिषदों को अपने बुखार क्लीनिक शुरू करना चाहिए। यह आदेश कलेक्टर ने इस समय दिया था। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ अफवाहें सोशल मीडिया के माध्यम से फैली हुई हैं, ऐसे समय में जब पूर्ण परीक्षण के बारे में कोई सार्वजनिक जागरूकता नहीं है, सभी नगर परिषदों, नगर पंचायतों, सभी प्रमुख ग्राम पंचायतों को विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताओं सहित जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए अपने स्वयं के धन का उपयोग करना चाहिए, विभिन्न वीडियो बनाने चाहिए। यह कहते हुए कि,उन जगहों पर एक मार्शल टीम बनाना आवश्यक है, जहां नियमों का पालन नहीं किया जाता है, उन्होंने कहा कि, जुर्माना लगाने जैसी चीजों को करना आवश्यक है। जिलाधिकारी नेे कहा कि जिले में अधिक से अधिक स्थानों पर परीक्षण सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक नगरपालिका में परीक्षण किए जा सकते हैं और परीक्षण बिना किसी शुल्क के मुफ्त हैं। साथ ही,रेमेडिविविर और टोसिलिजुमब जैसी अद्यतन दवाएं मरीजों को मुफ्त में दी जाती हैं। अब तक लगभग 270 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि ,वे किसी भी तरह की अफवाहों के शिकार न हों। उपस्थित जन प्रतिनिधियों ने भी अपने जनसंपर्क के माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा करने का अनुरोध किया। इस व्हीसी के माध्यम से,मुझे ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के संदर्भ में काम करते हुए कठिनाइयों और सुविधाओं का पता चला। उन्होंने यह भी कहा कि, वह समय पर जगह का दौरा करेंगे और समस्या का पता लगाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/योगेंद्र/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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