विलुप्त होने की कगार पर पीतल के बर्तनों पर कलई करने की कला
विलुप्त होने की कगार पर पीतल के बर्तनों पर कलई करने की कला

विलुप्त होने की कगार पर पीतल के बर्तनों पर कलई करने की कला

मुंबई06 अगस्त (हि. स.)। पालघर में एक समय में लोगो के घरों मे पीतल के बर्तनों की भरमार होती थी। मांगलिक कार्यो सहित त्योहारों और विवाहो में पीतल के बर्तनों का ही उपयोग किया जाता था। लेकिन अब इन पीतल के बर्तनों की जगह स्टील और एल्मुनियम के बर्तनों ने ले लिया है। पीतल के बर्तनों के खरीदारों के न मिलने के कारण पीतल के बर्तनों का कारोबार सिमट कर रह गया। एक जमाने मे बरसात से पहले पालघर के गांव-गांव में कलई करवा लो कलई करवा की आवाज गुंजा करती थी। लेकिन अब यह आवाज जैसे कही खो सी गयी है। पालघर के कई इलाको रहने वाले सैकड़ो कलई के कारीगर पीतल के बर्तनों में कलई लगाने का कार्य करते थे, लेकिन अब उनका यह धंधा खत्म होने की कगार पर है। जिससे उनकी रोजी रोटी के भी लाले पड़ने लगे। हाथ में हुनर होने के बावजूद इन्हें भरण पोषण के लिए दूसरे जगहों पर पलायन करना पड़ा। कुछ कारीगर जो कभी अपनी कला से पीतल के बर्तनों को चमकाते थे। वह आज मजदूरी करने को विवश है। कई वर्षों तक पीतलो के बर्तनों पर कलई कर उसे चमका कर अपना हुनर दिखाने वाले बुजुर्ग नारायण कहते है, कि सरकार ने कभी इन कारीगरों की ओर ध्यान ही नहीं दिया। इस समय पीतल के बर्तनों की मांग न के बराबर रह गयी है। जिससे कारीगरों और उनके परिवारों ने मजदूरी या दूसरा व्यवसाय अपना लिया। शमीम कहते है, कि वर्षों पुरानी पीतल के बर्तनों पर कलई करने की कला अब विलुप्त होने की कगार पर है। पीतल के बर्तनों की कीमत बढ़ी, मांग नही- बर्तनों का व्यवसाय करने वाले जगदीश ने बताया कि पीतल के बर्तनों की कीमत जरूर बढ़ी है। लेकिन मांग नही। इसकी प्रमुख वजह एल्मुनियम और स्टील,प्लस्टिक के बर्तनों का सस्ता होना है। इन बर्तनों के सस्ते होने के कारण लोगो का स्टील और एल्मुनियम के बर्तनों के प्रति रूझान बढ़ा है इसलिए पीतल के बर्तनो की मांग में कमी आई है। जब पीतल के बर्तन बिकेंगे ही नही तो इन पर कलई कैसे होगी। कलई के बाद चांदी जैसे चमकते है,बर्तन- पीतल के बर्तनों को आग पर गर्म करने के बाद उसके अंदर नवसागर और रांगे का लेप लगाकर कलई की जाती है। कलई के बाद पीतल के बर्तन में चांदी जैसी चमक आ जाती है। और इन बर्तनों में बनने वाला खाना भी स्वादिष्ट होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल है फायदेमंद- वैज्ञानिक दृष्टि से कलई किए हुए पीतल के बर्तनों में खाना-पीना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। पीतल के बर्तनों पर कलई करवाना आवश्यक है क्योंकि बिना कलई किए हुए बर्तनों में खट्टी वस्तु पकाने पर विष हो जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/योगेंद्र/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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