वर्चस्व की भूख में टायर फैक्ट्री में बीएमएस कार्यकर्ता की हत्या

वर्चस्व की भूख में टायर फैक्ट्री में बीएमएस कार्यकर्ता की हत्या

जयपुर, 23 नवम्बर (हि.स.)। वामपंथी विचारधारा वाले श्रमिक हों या फिर कोई और, ये अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए ना तो मारपीट में हिचकिचाते और न ही हत्या करने से, बल्कि यह है कि उन्हें अन्य किसी विचारधारा वाले स्वीकार्य ही नहीं हैं। यह अतिवाद के अलावा और कुछ नहीं कि किसी परिसर में भिन्न विचारधारा वालों को अपने से हीन और यहां तक कि शत्रु समान समझा जाए। ऐसे ही वर्चस्व के भूखे वामपंथी गिरोह ने भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता की बेरहमी से पीट- पीटकर हत्या कर दी। हत्यारोपित इंटक मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता हैं, जिनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीएमएस ने आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदेश महामंत्री दीनानाथ रूंथला ने कहा कि वामपंथी संगठन आए दिन बीएमएस कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता करते आए हैं। ऐसे में उनके कार्यकर्ता की हत्या के आरोपितों की 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। मामला राजसमंद जिले के कांकरोली क्षेत्र स्थित जेके फैक्ट्री का है। जहां रविवार को जब दूसरी शिफ्ट के मजदूर काम करके बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान इंटक समर्थक मजदूरों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इंटक मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भामस कार्यकर्ता के साथ धक्का- मुक्की की। आपसी कहासुनी के बाद मामला खूनी संघर्ष में बदल गया और इंटक समर्थक मजदूरों ने भामस समर्थक मजदूरों पर हमला कर दिया। इंटक समर्थक मजदूरों ने भामस के कार्यकर्ता कांकरोली निवासी गोपाल (58) पुत्र मोहनलाल शोभावत को लात-घूंसों से इतना पीटा की उसकी मौके पर ही जान चली गई, जबकि वीरेंद्र और अयूब घायल हो गए। इसकी सूचना पर पुलिस ने गोपाल, वीरेंद्र मिश्रा तथा अयूब अली को आरके जिला अस्पताल भेजा। जहां चिकित्सकों ने गोपाल को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने श्रमिकों की ओर से मिली रिपोर्ट के आधार पर इंटक समर्थक श्रमिक किशन सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, तेजसिंह, हरि सिंह सहित दो दर्जन श्रमिकों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता ने बताया कि गत सत्रह नवंबर को भी फैक्ट्री में मारपीट की घटना के बाद पुलिस तैनात थी लेकिन पंचायत चुनाव को लेकर जाप्ता कम होने पर उठा लिया गया था। उल्लेखनीय है कि लम्बे समय तक फैक्ट्री में सीटू यूनियन का वर्चस्व रहा था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो इंटक ने वर्चस्व जमा लिया। इसके बाद भामस यहां वर्चस्व में आ गया लेकिन जैसे ही प्रदेश में फिर से गहलोत सरकार आई तो इंटक ने फिर से वर्चस्व बढ़ाने लगी और उसके समर्थक मजदूरों की भामस समर्थक मजदूरों से आए दिन झड़प होने लगी। बीएमएस कार्यकर्ता की हत्या की निंदा करते हुए राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने कहा कि भामस के कार्यकर्ता गोपाल शोभावत की हत्या बेहद दुःखद है। प्रदेश सरकार एवं प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी करें एवं कठोरतम कार्यवाही करें। प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाएं शर्मनाक है। ऐसी घटनाएं सभ्य समाज में कतई स्वीकार्य नहीं है। लचर कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद है एवं आमजन में असुरक्षा का वातावरण है। सरकार एवं प्रशासन कानून व्यवस्था पर संज्ञान लेकर आमजन की सुरक्षा एवं अपराधियों पर लगाम सुनिश्चित करें। वहीं इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने ट्विट कर कहा कि भारतीय मजदूर संघ से जुड़े श्रमिकों की हत्या और आये दिन होने वाले हमले निश्चित रूप से किसी राजनीतिक साजिश को दिखाते हैं। यदि इन मामलों पर राज्य सरकार तुरंत कार्यवाही नहीं करती, संगठन की मांगें स्वीकार कर उन्हें सुरक्षा नहीं देती तो यह स्पष्ट होगा कि इसमें सरकार की भूमिका संदिग्ध है। हिन्दुस्थान समाचार / राघवेन्द्र / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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