पहले प्यार के जाल में फंसाया फिर टेलिफोनिक अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती
पहले प्यार के जाल में फंसाया फिर टेलिफोनिक अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती

पहले प्यार के जाल में फंसाया फिर टेलिफोनिक अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती

- आईजी के प्रयास से बाल-बाल बची दो बच्चों की अम्मा झांसी,11 नवंबर(हि.स.)। कहते हैं प्यार अंधा होता है। यह कहावत उस समय चरितार्थ होते नजर आई जब मंडल के जनपद जालौन में दो बच्चों की मां को पहले आॅन लाइन प्यार के जाल में फंसाया। फिर फिल्मी अंदाज में उसका टेलिफोनिक अपहरण किया गया और उसके पति से 20 लाख रुपए की मांग की गई। मगर इसकी जानकारी पुलिस को हो गई और फिर फिरौती की रकम अपहरणकर्ता तक पहुंचती उससे पहले ही पुलिस ने महज 12 घंटे के में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पीड़िता और उसके बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया। इस मामले का पटाक्षेप करते हुए आईजी सुभाष बघेल ने बताया कि पूरी घटना के मुख्य आरोपित शुभम ने सिरसाकलार जालौन में रहने वाली दो बच्चों की मां कल्पना (काल्पनिक नाम) को विगो ऐप के माध्यम से अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। तकरीबन 35 दिनों तक दोनों के बीच मेरी बिगो ऐप के माध्यम से बातचीत होती रही। शुभम के प्यार में पागल कल्पना 1 तारीख को शुभम के कहने पर लखनऊ स्थित चारबाग बस अड्डे के लिए चल पड़ी। कल्पना अपने साथ अपने दोनों बच्चों को भी ले गई थी। कल्पना को गोदाहा ले जाकर शुभम ने एक कमरे में किराए से रखा। उसके बाद कल्पना के पति को कॉल किया और 20 लाख रुपए मांगते हुए कहा कि अगर अपनी पत्नी और बच्चे को जिंदा देखना चाहते हो तो पैसों का इंतजाम कर लो। 7 नवंबर को कल्पना के परिजनों ने पुलिस को पूरी जानकारी दी और बताया कि 1 नवंबर से कल्पना लापता है। 17 पुलिसकर्मियों के 12 घंटे के अथक प्रयास से हुई बरामदगी पुलिस टीम ने रिसीव कॉल को ट्रेस किया तो मामले के तार उन्नाव सीतापुर और लखनऊ से जुड़े हुए मिले। आईजी सुभाष बघेल के निर्देशन में एसपी जालौन ने 5 टीमें बनाकर अलग-अलग रवाना की। पुलिस ने अशोक कुमार वर्मा, अजय कुमार सिंह, चंदन पांडे, रामचंद्र वर्मा, दिलीप वर्मा, नीतू कुमार, विनय प्रताप समेत 17 पुलिसकर्मियों के अथक प्रयास से बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया। आईजी सुभाष बघेल की ओर से पुलिस टीम को महज 12 घंटे के अंदर सफल अनावरण के लिए 50 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in