नि:संतान दंपति को बच्चे बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, आठ गिरफ्तार

नि:संतान दंपति को बच्चे बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, आठ गिरफ्तार

नई दिल्ली, 25 नवम्बर (हि.स.)। मासूम बच्चों का अपहरण कर उन्हें नि:संतान दंपति को बेचने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है। इस सिलिसले में क्राइम ब्रांच ने चार महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से दो बच्चों को भी बरामद किया है। इनमें एक तीन महीने और दूसरा डेढ़ महीने का लड़का है। आरोपितों की पहचान जनकपुरी निवासी दीपा (22), पिंकी (29), शकूरपुर बस्ती निवासी गोपाल उर्फ पंकज (35), पालम निवासी गीता रंधावा (45), पालम निवासी मनोज कुमार (27), सृष्टि (26), तिलक नगर निवासी ज्योति गोयल (37) व तिलक नगर निवासी मुरारी लाल (41) के रूप में हुई है। क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, सेक्टर-12 गुडगांव में रहने वाली प्रीति ने तीन महीने के बेटे की अपहरण की शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस को बताया गया वह भीख मांगकर जीवन यापन करती है, उसके पति स्वीपर हैं। 22 अक्टूबर को वह मोती बाग गुरुद्वारे के मेन गेट पर बैठी हुई थी तभी वहां एक अनजान महिला ने उससे बात करनी शुरू कर दी। उसने बच्चे का ख्याल रखने की बात कही, जिस पर विश्वास कर वह गेट पर खाना लेने चली गई। कुछ देर बाद जब वह वापस लौटी तो महिला और बच्चे दोनों ही गायब थे। इस घटना की बाबत साउथ कैंपस थाने में केस दर्ज किया गया था। क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने जांच शुरू की। रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी बस ट्रमिनल, गुरुद्वारे आदि में जाकर खोजबीन की गई। इस बीच 19 नवम्बर को इनपुट मिला कि गोपल उर्फ पंकज मानव तस्करी करने वाले गैंग को चला रहा है। वह शकूरपुर का रहने वाला है। पुलिस को इस गैंग में शामिल गीता रंधावा नाम की महिला के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उसके पास से तीन महीने का बच्चा बरामद कर लिया। जबकि डेढ़ महीने के बच्चे को ज्योति गोयल के पास से बरामद किया। पुलिस ने इन दोनों महिलाओं समेत पंकज को भी हिरासत में ले लिया। पूछताछ में गीता ने खुलासा किया 20 तारीख को पंकज और पिंकी ने मोती बाग गुरद्वारे के पास से बच्चे को किडनैप किया था। आरोपितों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने एक-एक कर गैंग में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपित गोपाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक कर रखी है। पहले वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था, लेकिन उससे मिलने वाली आय से वह संतुष्ट नहीं था। उसने दो शादी की थी। विवाद होने पर उसने पहली पत्नी को छोड़ दिया था। गीता रंधावा के संपर्क में आकर वह दिल्ली के विभिन्न इलाकों से बच्चे चुराने या किडनैप करने का काम करने लगा। गोपाल और गीता पति पत्नी हैं। इस गैंग के लोग निजी आईवीएफ सेंटर या अस्पताल जाकर उन दंपतियों के बारे में जानकारी हासिल करते थे। इसके बाद वे उन्हीं कपल को टारगेट कर बच्चों को बेच देते थे। इस तरह से वे कई बच्चों को बेच नि:संतान दंपतियों को बेच चुके थे। अब पुलिस इस बिंदु को भी ध्यान में रखकर आईवएफ सेंटर या नर्सिंग होम के लिंक को खंगाल रही है, कहीं बच्चों को बेचने के इस गोरखधंधे में उनका भी तो कोई रोल नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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