नवागत एसपी के लिए चुनौती बनी कोयले की कालाबाजारी

नवागत एसपी के लिए चुनौती बनी कोयले की कालाबाजारी

पूर्व में कार्रवाई करने पर हटाए गए थे एक सीओ व कुछ पुलिसकर्मी थानाध्यक्ष की नहीं हिली कुर्सी, मामला कुछ और ही मीरजापुर, 17 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खदानों से निकलने वाले काले हीरे की कालाबाजारी का खेल अभी बंद नहीं हुआ। खनन माफिया इसे संचालित करने में लगे हुए हैं। पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से चल रहे इस गोलमाल गेम में कई बड़े लोगों का हाथ होना बताया जा रहा है। पूर्व में अवैध तरीके से जनपद से गुजर रहे कोयले के कुछ गाड़ियों को जनपद की पुलिस ने पकड़ा तो सत्ताधारियों का दबाव पड़ने पर एक सीओ व कुछ पुलिस कर्मी की गर्दन नाप दी गई। लेकिन थानाध्यक्ष की कुर्सी नहीं हिली जिसको लेकर कई लोग सवाल भी खड़े किए थे। मध्य प्रदेश के खदान से निकलने वाले कोयले की कालाबाजारी खनन माफिया चलाते हैं। इस खेल को अंजाम देने के लिए वे लोग कुछ सफेदपोश व वर्दी धारी लोगों को मोटी रकम पहुंचाते हैं। सिंगरौली से चंदौली के कोयला मंडी तक पहुंचाने लिए हर महीने लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। इसकी भनक गत दिनों जनपद के कुछ पुलिस वालों को हो गई। फिर क्या था वे लोग इसमें हाथ साफ करने के लिए लग गए। लेकिन उन्हें क्या पता था कि कुछ लोग पहले से ही इससे जुड़े है। जैसे ही उन लोगों ने गत दिनों अवैध तरीके से कोयला ले जा रहे छह ट्रकों को पकड़कर कार्रवाई करना शुरू किया। वैसे ही बड़े बड़े लोगों का फोन उनके पास आने लगा। 24 घंटे के अंदर पूर्व पुलिस अधीक्षक पर इतना दबाव आ गया कि उन्होंने एक सीओ और पांच पुलिस कर्मियों का वहां हटा दिया। जबकि सबसे मलाईदार थाने पर जमे थानेदार नहीं हटाया गया जिसका कुछ लोगोें ने विरोध भी किया था। अब देखना हैं कि नवागत पुलिस कर्मी इस कोयले के अवैध अंधे को कैसे रोकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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