जीवनेंदू रथ हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार न मिलने से पुलिस के हाथ खाली

जीवनेंदू रथ हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार न मिलने से पुलिस के हाथ खाली

मीरजापुर, 30 सितम्बर (हि.स.)। चुनार कोतवाली के धौहां स्थित गोपाल कानकास्ट आयरन कंपनी के निदेशक जीवनेंदू रथ की हत्या मामले में प्रयुक्त हथियार बरामद न होना पुलिस के लिए मुसीबत बन गयी है। पुलिस ने इस मामले में सोमवार की रात में ही तीन संदिग्धों को उठा कर पूंछतांछ की। जिसमें पुलिस को कई अहम तथ्यों की जानकारी भी हुई थी। उसी आधार पर पुलिस के आला अधिकारी बुधवार को खुलासे की योजना भी बना लिए थे, पर अंतिम समय में हथियार न मिल पाने के कारण पुलिस का पूरा मामला फेल हो गया। अब पुलिस नये सिरे से पड़ताल में जुटी हुई है। सीओ मड़िहान प्रभाकर राय को इस मामले के खुलासे के लिए लगाया गया है। उन्होने घटना स्थल के आसपास की कई दुकानों के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी खंगाला। फिलहाल पुलिस अभी भी दावा कर रही है कि इस मामले का खुलासा जल्द कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते 27 सितंबर की रात चुनार नगर के कबीरमठ के पास आयरन कंपनी के निदेशक उड़ीसा निवासी जीवनेंदू रथ की गोली मारकर हत्या व उनके साथी किशोर चंद्र दास को गंभीर रूप से घायल करने वाले बदमाश अब पुलिस के लिए सिर दर्द बन गए है। पुलिस ने इस मामले में सोमवार की रात तीन संदिग्धों को उठाकर पूंछतांछ करने के बाद खुलासे के करीब पहुंचने का दावा किया था। उसी आधार पर आईजी पीयूष श्रीवास्तव ने 48 घंटे के अंदर खुलासे का दावा किया था, पर जब हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी का मामला सामने आया तो पुलिस के जाबांज दरोगाओं के पसीने छूटने लगे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों को उठाने वाली टीम के पुलिस कर्मी अभी तक हथियार बरामद नहीं कर पाए हैं। पुलिस के समक्ष खुलासे में हत्या में प्रयुक्त हथियार का बरामद न होना सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही है। सीएम कार्यालय पूरे मामले पर रख रहा है नजर निदेशक की हत्या के मामले पर सीएम कार्यालय भी नजर रख रहा है। पुलिस विभाग के आला अफसरों के साथ ही गृह विभाग व सीएम कार्यालय इस मामले के पल-पल की जानकारी ले रहा है। इस मामले के खुलासे और असली हत्यारों की गिरतारी को लेकर पुलिस पर शासन स्तर से भारी दबाव बना हुआ है। यही वजह है कि जिले के पुलिस अफसर मुख्यालय की बजाय चुनार स्थित जेपी सीमेंट फैक्ट्री के गेस्ट हाउस में डेरा जमाए हुए हैं। हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए गठित की गयी तीनों टीमों के कामकाज की निगरानी खुद आईजी पीयूष श्रीवास्तव कर रहे हैं। इसके अलावा एडीजी जोन वाराणसी ब्रजभूषण भी पूरे अभियान पर नजर गड़ाए हुए है। एडीजी ब्रजभूषण मंगलवार की शाम अचानक कजरहट पुलिस चौकी पहुंच कर पूरे अभियान की समीक्षा की थी। इसके साथ ही मातहतों को निर्देश दिया कि इस मामले का जितनी जल्द हो उतनी जल्द खुलासा कर दिया जाए। एडीजी का यह सूत्र वाक्य जिले के पुलिस अफसरों के लिए मूलमंत्र साबित हो रहा है। प्रभारी एसपी संजय कुमार बुधवार को जिला मुख्यालय मात्र कुछ देर रूकने के बाद चुनार के लिए रवाना हो गए। पुलिस की तीन टीमों के साथ ही आसपास के थानों की पुलिस भी इसी मामले में उलझी हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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