जिला जेल की जांच में मिला क्रीम, शैंपू पाउच और मूंगफली दाने

जिला जेल की जांच में मिला क्रीम, शैंपू पाउच और मूंगफली दाने

अलसुबह डीआईजी ने महिला और पुरुष पुलिसकमियों को लेकर की जांच इंदौर, 03 सितंबर (हि.स.)। हनी ट्रेप की आरोपित का जिला जेल के जेलर के साथ फोटो वायरल होने का मामला जेल मुख्यालय भोपाल तक पहुंचने के बाद इसकी जांच के बाद डीआईजी संजय पांडे बुधवार को इंदौर पहुंचे और गुरुवार की अलसुबह पांच बजे से जिला जेल में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान यहां के स्टाफ से भी पूछताछ की गई। डीआईजी यह पता लगाने में जुटे हैं कि जेल में मोबाइल कहां से आया और फोटो कैसे वायरल हो गया। वहीं महिला जेल की बैरक में क्रीम, शैंपू पाउच और मूंगफली के दाने भी मिले हैं। कल हनी ट्रैप कांड में गिरफ्तार की गई युवती के साथ जेलर कुलश्रेष्ठ का जेल के अंदर बात करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस फोटो के साथ ही यह सवाल उठाए गए थे कि किसी भी महिला बंदी के साथ कोई पुरुष अधिकारी जेल में अकेले में बातचीत अथवा पूछताछ नहीं कर सकता है। इस नियम का उल्लंघन करते हुए कुलश्रेष्ठ के द्वारा आरोपी महिला के साथ अकेले बात की जा रही है। यह फोटो वायरल होने पर राज्य सरकार की ओर से जांच के आदेश दिए गए थे और जांच अधिकारी डीआईजी संजय पांडे को कल ही इंदौर भेजा गया था। पांडे के द्वारा आज सुबह सुबह करीब बजे पुलिस के रिजर्व फोर्स को साथ में लेकर जिला जेल पर छापामार कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान पूरी जिला जेल की तलाशी ली गई। इसमें खासतौर पर यह देखा गया कि कैदियों के पास उनके बैरक में क्या सामान है। जेल में मचा हड़कंप आज कार्रवाई के दौरान महिला पुलिसकर्मी और पुरुष पुलिसकर्मी भी डीआईजी के साथ मौजूद थे। महत्वपूर्ण बात यह रही कि जेल के गेट पर पहुंचकर डीआईजी ने फोन लगाकर ताला खोलने की सूचना सुबह दी थी और उसी के बाद जेल में हड़कम्प मच गया था। कल दर्ज किए थे बयान डीआईजी पांडे ने इंदौर आने के बाद कल ही अपनी जांच को शुरू करते हुए बुधवार शाम को इस मामले से जुड़े हुए व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे। वह कल शाम को जिला जेल भी गए थे, जहां उन्होंने रात 8.30 बजे तक रुक कर जेलर कुलश्रेष्ठ के साथ ही कुछ अन्य जेल कर्मियों और हनी ट्रैप के मामले में फोटो में वायरल की गई महिला के बयान दर्ज किए थे। ऐसा समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें कुछ सूचनाओं से संबंधित पुख्ता संकेत मिल गए थे। इसीलिए गुरूवार सुबह छापा मारा गया। सभी के मोबाइल कराए बंद डीआईजी ने छापे के दौरान सभी अधिकारियों के मोबाइल बंद करवा दिए थे, जिससे छापे में अन्दर क्या हुआ उसकी जानकारी बाहर ना आए और किसी तरह का चित्र कोई गोपनीय तरीके से ना खेंच ले इसलिए मोबाइल बंद करवा दिए थे। संवेदनशील वार्डों का निरीक्षण अलसुबह जांच के लिए जेल पहुंचे डीआईजी ने सबसे पहले महिला बैरक सहित अन्य संवेदनशील वार्डों का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि जेल के भीतर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, हिडन कैमरे लेकर जाना प्रतिबंधित है। ऐसे में मोबाइल से फोटो, वीडियो बनाना गंभीर अपराध है। हम यह जांच कर रहे हैं कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जेल के भीतर कैसे आया। प्रारंभिक जांच में पूरे मामले में किसी स्टाफ की संलिप्तता की बात है। जेल प्रशासन ने दिया शैम्पू पांडे के अनुसार जांच में महिला बैरक में कुछ सामान मिला है, हालांकि इसमें कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है। इसमें सन स्क्रीन, मूंगफली के दाने, शैंपू पाउच शामिल हैं। शैंपू पाउच को लेकर कहा कि डॉक्टर ने महिलाओं को बाल धोने के लिए कहा है। महिलाओं के पास एक-दो, एक-दो पाउच मिले। यह जेल प्रशासन ने ही इन्हें दिया है। वहीं, सनस्क्रीन को लेकर कहा कि एक महिला को स्किन की समस्या है, इसलिए डॉक्टर ने उसे यह लिखा है। उन्होंने कहा कि जेल बड़ा होने से महिला बल से महिला वार्ड की तलाशी करवाई गई। इसके अलावा अति संवेदनशील वार्ड को भी जांचा गया। जेलर का काम रोज सभी वार्डों का दौरा करना पांडे के अनुसार जेल में जेलर, जेल अधीक्षक और जेल अधीक्षक के विवेक पर किसी एक अधिकारी को मोबाइल रखने की सुविधा मिली है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फोटो वायरल करना किसी ना किसी कर्मचारी की हरकत है। महिला वार्ड में कुछ चिह्नित लोगों की ही आवाजाही होती है। महिला स्टाफ के अलावा, जेलर, जेल अधीक्षक और चक्कर अधिकारी का दायित्व होता है कि हर दिन जेल के सभी वार्डों का निरीक्षण करें। जेलर ने इसी सिलसिले में राउंड किया होगा। राउंड के दौरान यदि किसी को कोई समस्या है, जैसे उसके रहने, खाने-पीने, उसकी सुरक्षा की तो अन्य कोई समस्या मेडिकल या लीगल तो जेलर से वह कह सकती है। जेलर का दायित्व है कि समस्या का निराकरण करे। कैदियों का संक्रमित होना बड़ी चिंता पांडे ने कोरोना को लेकर कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता का विषय पिछले एक सप्ताह में 50 संक्रमित कैदियों का पाया जाना है। कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है या नहीं, जो नए कैदी आ रहे हैं, उनका टेस्ट किया गया या नहीं, उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया या नहीं। इन सभी मुद्दों पर जांच के लिए आया था। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर अवलोकन करने के बाद कुछ बंदियों को स्थानांतरित किया जा सकता है। अभी जो संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें असरावद स्थित अस्थाई जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। कई बंदियों ने आवेदन दिए हैं कि कोरोना काल में उन्हें रिहा किया जाए या पैरोल दी जाए। जेलर बोले वीडियो हो तो उसे भी बाहर लाए मामले में फोटो वायरल करने वाले को जेलर ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यह सोची समझी साजिश के तहत वायरल किया है। मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि आपके पास यदि वीडियो हो तो उसे भी वायरल करिए। इससे कम से कम जो सच है वह सामने आएगा। छवि खराब करने को रचा षडयंत्र श्वेता से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, टेलीफोनिक मुलाकात, आवेदन भेजने जैसे कई मुद्दों पर बात की है। आवास को बदलने को लेकर भी बात कर चुकी है। श्वेता उस दिन क्या बात कर रही थी, यह मुझे याद नहीं है। यह एक महीने-दो महीने पुराना भी हो सकता है। यह कोरोना काल का ही फोटो है। वीडियो बनाने वाला ही बता सकता है श्वेता का ही वीडियो क्यों बनाया। यदि यह किसी अन्य महिला के साथ का फोटो होता तो इतना हाईलाइट नहीं होता। यह मेरी छवि खराब करने के लिए पूरा षडय़ंत्र रचा गया है। एक सप्ताह में पूरी होगी जांच वहीं, डीआईजी पांडे ने कहा कि फोटो श्वेता विजय जैन का ही है। शिकायत की जांच चल रही है। जेल में अधिकारियों के बीच मतभेद को लेकर कहा कि ऐसी कोई जानकारी तो नहीं आई है। लेकिन इतने बड़े स्टाफ में मनमुटाव आम बात है। इस फोटो के पीछे भी कोई विवाद सामने नहीं आया है। एक सप्ताह में जांच कर ली जाएगी कि आखिर किसने यह काम किया है। दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/घनश्याम डोंगरे/राजूू-hindusthansamachar.in

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