कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा नकली सीमेंट बनाने के आरोप सिद्ध नहीं कर पाने पर अभियुक्त व अन्य 6 को किया गया बरी

कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा नकली सीमेंट बनाने के आरोप सिद्ध नहीं कर पाने पर अभियुक्त व अन्य 6 को किया गया बरी

उधमपुर, । सितम्बर (हि.स.)। उप न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उधमपुर, मोहम्मद रफीक चाक ने नकली सीमेंट के आरोप में पकड़े गए आरोपियों पर अभियोजन पक्ष द्वारा आरोप सिद्ध नहीं कर पाने पर उनको बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष की 17-11-2013 की कहानी के अनुसार उधमपुर पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से पता चला अरुण गौतम संसार पैलेस के पास स्थित गोदाम में स्थानीय कंपनी त्रिशूल द्वारा तैयार किया हुआ सीमेंट को फर्जी तरीके से एसीसी व अंबुजा के बैग में भरता है तथा इसके कालाबाजारी कर बाजार में बेचता है। वहीं पुलिस ने सूचना के आधार पर आरोपी गौतम तथा 6 अन्य के खिलाफ एफआईआर नंबर 370/2013 अंडर सैक्शन 420/382/34 आपीसी तथा 3/7 ईसी के तहत केस दर्ज किया। वहीं पुलिस ने वहां पर छापा मारकर 1100 बैग सीमेंट गोदाम में सीज किए। इस मामले की पूरी छानबीन करने के उपरांत इसका 1,2 तथा 7 नंबर के आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया जबकि आरोपी 3,4,5 तथा 6 खिलाफ उनकी अनुपस्थित रहने पर उन पर 512 के तहत कोर्ट में कार्रवाई चलती रही। वहीं कुछ दिनों उपरांत 2 व 7 नंबर के आरोपी भी गैरहाजिर रहने पर उनके खिलाफ भी 512 के तहत कोर्ट में कार्रवाई शुरू हुई। इस संबंध में कोर्ट में 19 गवाह रखे गए जिनमें से 6 गवाहों से ही पूछताश की गई। वहीं इस मामले में कोर्ट ने एपीपी का तर्क सुना जो की सरकार की ओर से पेश हुए जबकि आरोपियों की तरफ से एडवोकेट संदीप भट पेश हुए। न्यायाधीश ने दोनों वकीलों की दलीलें सुनने के उपरांत अपना निर्णय देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। जिसके परिणामस्वरूप चालान और आरोपों को खारिज कर दिया जाता है तथा अभियुक्त को आरोपी से बरी किया जाता है। वहीं इस संबंध में अन्य अभियुक्तों पर 512 सीआरपीसी के तहत की कार्रवाई को खारीज कर दिया। कोर्ट ने थाना प्रभारी उधमपुर को भी निर्देश देते हुए कहा कि गोदाम से गई जब्ती व अन्य वस्तुओं को वापिस आरोपी को दिया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान-hindusthansamachar.in

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