कोरोना का संक्रमण बच्चों के टीकाकरण में बना रुकावट

कोरोना का संक्रमण बच्चों के टीकाकरण में बना रुकावट

मुंबई,13 जुलाई (हि.स.)। कोरोना वायरस का असर शिशुओं के टीकाकरण पर भी दिख रहा है। कोरोना वायरस (कोविड-19 ) के चलते लोग अपने बच्चों को अस्पताल ले जाने से बच रहे हैं। जिससे सामान्य स्थिति की अपेक्षा शिशुओं के टीकाकरण में जिले में कमी आई है। जन्म के समय लगने वाले बीसीजी, पोलियो और हैपेटाइटस बी के टीके प्रसव के बाद अस्पताल में ही दे दिये जाते हैं। इसके बाद बच्चों को समय-समय पर टीके लगवाने के लिए डॉक्टर के पास जाना होता है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से माता-पिता शिशुओं को टीकारण के लिए अस्पताल ले जाने से डर रहे है। जबकि शून्य से एक साल तक के शिशुओं को खसरा आदि का टीका लगाया जाता है जो जन्म के निश्चित दिन में लगने जरूरी होते हैं। ऐसे में कोरोना के खतरे से बचने के लिए बरती जा रही एतिहात से कही बच्चे दूसरी बीमारियों के जाल में न फंस जाए इसका डर भी डॉक्टर जता रहे है। कोरोना के डर के कारण जनजातीय क्षेत्र की महिलाएं नवजात शिशुओं को अस्पताल तक नहीं ला पा रही हैं। जिससे शिशुओं के टीकारण में देरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग शिशुओं की सूची तैयार करने में जुटा है। जिससे सभी का टीकाकरण किया जा सके। डॉक्टरो का कहना हैं कि बच्चे के जन्म के पहले साल में लगने वाले टीके बहुत अहम होते हैं। ये टीके समय से दिए जाने बहुत ज़रूरी हैं। इनमें देरी होना किसी बीमारी को न्योता दे सकता है। जिला शल्य चिकित्सक डॉक्टर कंचन वानारे ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के कारण शिशुओं के टीकारण में कमी आई है। टीकारण में तेजी लाने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। साथ ही शिशुओं के परिजनों को समय पर टीकारण के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। टीकाकरण का समय जन्म पर - बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV-0) और हैपेटाइटस बी छह हफ़्ते पर – डीपीटी-1, इनएक्टिवेटिड पोलियो वैक्सीन (IPV-1), OPV-1, रोटावायरस-1, न्यूमोकॉकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (PCV-1) 10 हफ़्तों पर – डीपीटी-2, OPV-2, रोटावायरस-2 14 हफ़्तों पर - डीपीटी-3, OPV-3, रोटावायरस-3, IPV-2, PCV-2 9-12 महीनों पर – खसरा और रूबेला-1 16-24 महीनों पर – खसरा-2, डीपीटी बूस्टर-1, OPV बूस्टर 5-6 साल – डीपीटी बूस्टर-2 10 साल – टेटनस टोक्सॉइड?/ टेटनस एंड एडल्ट डिप्थीरिया 16 साल - टेटनस टोक्सॉइड?/ टेटनस एंड एडल्ट डिप्थीरिया। हिंदुस्थान समाचार/योगेंद्र/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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