उन्नावः मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी गिरफ्तार
उन्नावः मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी गिरफ्तार

उन्नावः मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी गिरफ्तार

उन्नाव, 26 जुलाई (हि.स)। बिहार थाना क्षेत्र के शुक्लाखेड़ा गांव में पांच माह पूर्व होली के दिन आठ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हुई हत्या के मामले में रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एएसपी विनोद कुमार पांडेय व सीओ बीघापुर अंजनी कुमार राय सामूहिक प्रेसवार्ता कर बताया कि शुक्लाखेड़ा गांव की रहने वाले आठ वर्षीय मासूम दस मार्च को गांव के बाहर रक्त रंजिश हालत में पड़ी मिली थी। जहां उसके साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मासूम को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां हालत गंभीर देख डॉक्टरो ने उसे कानपुर के हैलेट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। हैलेट में मासूम की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। जांच पड़ताल में जुटी बिहार, स्वाॅट व सर्विलांस की टीम ने हजारो की संख्या में लोगो से पूछताछ की, मगर उसे काई सफलता हाथ नहीं लगी थी। इसी बीच जांच पड़ताल के दौरान प्रकाश में आया कि गांव का रहने वाला मनोज पासी घटना वाले दिन मृतका के साथ देखा गया था। पुलिस ने युवक से पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना वाले दिन वह सुबह से मुन्ना अंडे वाले के साथ था। पुलिस ने जब मुन्ना अंडे वाले से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने मनोज शाम को चार बजे के बाद दुकान आया था। रविवार को दोबारा पूछताछ के बाद मनोज ने अपना जुर्म स्वीकारा आरोपित की निशानदेही पर एक बेल्ट, घटना के समय पहने हुए कपड़े व एक जोड़ी जूता बरामद किया है। पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। पहले से बनाया था आरोपित ने प्लान पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि नौ मार्च को मासूम उसे गांव के बाहर पुलिया के निकट मिली थी। जहां उसने उसको रुपये का लालच देकर कहा कि दस मार्च को मिलना। होली वाले दिन आरोपित शराब पीकर फाग में गया। जहां मृतका को हैंडपंप में पानी पिलाया और कुरकुरा दिया। उसे बहला फुसलाकर स्कूल के पीछे से बाग में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया तथा गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद वह तकिया पाटन के मुन्ना अंडे वाले के पास पहुंच गया। दो थानेदार बदले, नही कर सके खुलासा समय बदला तो थानेदार भी बदल गए। घटना के बाद तत्कालीन प्रभारी रहे विकास पांडेय व उसके बाद आए अनिल सिंह अपने कार्यकाल में घटना को नही खोल पाए। जिसके बाद पुलिस सवाले के घेरे में आ गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/अरूण /दीपक-hindusthansamachar.in

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