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स्मैक समेत पकड़े गए आरोपित को दो वर्ष का सश्रम कारावास

गुना, 30 जनवरी (हि.स.)। चांचौड़ा तहसील के कान्दयाखेड़ी गांव में रहने वाले सरवन मीना को स्मैक समेत पकडऩे के मामले में दोषी माना और उसे कोर्ट ने दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट के पीठासीन अश्वाक अहमद खान की अदालत में हुई। जानकारी के मुताबिक, थाना राघौगढ़ के उप निरीक्षक अशोक सिंह को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति मोटर साइकिल पर स्मैक बेचने के लिए रेलवे क्रासिंग के पास प्रयास कर रहा है, इस सूचना के बाद पुलिस की एक टीम ने उसको पकड़ा, जिसकी तलाशी लेने पर उसके पेंट से एक पॉलीथिन की थैली में स्मैक रखी मिली, जिसका वजन 7 ग्राम 800 मिली ग्राम था। इसके बार राघौगढ़ थाना पुलिस ने मामले की कायमी कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट की अदालत में हुई। जिसमें शासन की और से लोक अभियोजक मनोज पलिया व अतिरिक्त लोक अभियोजक मुकेश अवस्थी ने पैरवी की और मजबूती से साक्ष्य समेत पक्ष रखा, जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। ये दिया आदेश विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के आधिपत्य से मादक पदार्थ स्मैक 7 ग्राम 300 मिली ग्राम के आधिपत्य के संबंध में आरोपित को दोषी पाया है तथा स्मैक के प्रभाव सिर्फ व्यक्ति विशेष न होकर सम्पूर्ण समाज विशेषकर देश की युवा पीढ़ी को प्रभावित करते हैं इन परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में अभियुक्त को प्रोवेशन का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। आरोपित सरवन मीना को एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 8/21 ख का दोषी पाए जाने पर उसे दो वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 25 हजार रुपये का अर्थदंड भुगतने का भी निर्णय सुनाया। अर्थदंड न देने पर उसको तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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