साइबर अपराध मामले में नाइजीरिया के दो नागरिक गिरफ्तार

two-nigerian-citizens-arrested-in-cyber-crime-case
two-nigerian-citizens-arrested-in-cyber-crime-case

उत्तराखंड और तेलंगाना पुलिस को भी है आरोपितों की तलाश गंगटोक, 30 मार्च (हि.स.)। सिक्किम के खुफिया पुलिस विभाग (सीआईडी) ने साइबर अपराध के मामलों में दो नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान जोन ओबिलोर (28) और चार्ल्स चिस्योकी न्वानयान (21) के रूप में की गई है। दोनों ग्रेटर नोएडा में रह रहे थे और वहां से विभिन्न सोशल नेटवर्क के जरिए धोखाधड़ी का धंधा चला रहे थे। गिरफ्तार नाइजीरियाई नागरिकों पर सिक्किम के एक व्यक्ति से 82 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रिनजिंग छोपेल राई और इंस्पेक्टर बिक्रम राई के नेतृत्व में गत 26 मार्च को ग्रेटर नोएडा से आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों को रविवार सिक्किम लाया गया और हाल उन्हें पुलिस रिमांड पर रखा गया है। आरोपितों के विरूद्ध वर्ष 2019 में सीआईडी में मामला दर्ज किया गया था। लगभग दो साल की गहन और अथक जांच के बाद सीआईडी आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफल रही। खुफिया पुलिस विभाग के अधीक्षक तेनजिंग लोडेन लेप्चा ने आज पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में उक्त जानकारी दी। आरोपितों के साथ 14 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, छह सीम कार्ड, सात डेबिट कार्ड, म्यांमार के पासपोर्ट, आधार कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं। आरोपितों के खिलाफ देश के विभिन्न अन्य राज्यों में भी कई मामले दर्ज हैं। बताया गया है कि उत्तराखंड और तेलंगाना की पुलिस भी आरोपितों की तलाश कर रही है। दोनों को केरल में वर्ष 2015 में भी साइबर अपराध के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2017 में जमानत पर रिहा होने के बाद, दोनों ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया। विशेष रूप से आरोपित विभिन्न सामाजिक नेटवर्क के माध्यम से लोगों को लुभावने प्रस्ताव भेजकर फंसाने का काम कर रहे थे। आरोपितों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 420/120बी आर/डब्ल्यु 66डी के तहत मामले दर्ज की गई है। अधीक्षक लेप्चा ने कहा कि सिक्किम में साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों को हल करने के लिए जीतना समय लगता है, इससे अधिक समय पैसा वापस करने में लगता है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए सिक्किम खुफिया पुलिस विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए भी काम कर रहा है। इस मामले के जांच अधिकारी राई ने कहा कि ग्रेटर नोएडा पुलिस ने भी इस मामले को सुलझाने में मदद की है। आरोपितों तक पहुंचने के बाद उन्हें पहचानने में काफी परेशानी हुई। एक आरोपित चार्ल्स कैंसर के इलाज के लिए नाइजीरिया से भारत आया था। नाइजीरिया के एक डॉक्टर ने उन्हें इलाज के लिए सिफारिश की थी। लेकिन, जांच में पता चला कि चार्ल्स को कोई बीमारी नहीं है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि ऐसे अपराध की कड़ी कहां तक जुडी हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/बिशाल

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in