नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। टीवी पर चलने वाले सीआईडी सीरियल देखकर दो नाबालिगों ने अपने दस साल के दोस्त की हत्या कर दी। आरोपितों का मकसद हत्या करने के बाद उसके परिवार वालों से फिरौती मांगने की थी। लेकिन जांच के दौरान एक झूठ ने आरोपियों की पोल खोल दी। पुलिस ने हत्या के मामले में 17 और 12 साल के लड़के को पकड़ा है। इनके निशानदेही पर पुलिस ने श्रीराम कालोनी में स्थित एक मस्जिद से बच्चे का शव बरामद कर लिया है। आरोपितों ने मस्जिद की छत पर बच्चे की हत्या करने के बाद ईंट और रेत डालकर शव को ढक दिया था। जानकारी के अनुसार, मृत बच्चे की पहचान फरहान (10) के रूप में हुई है। वह अपने पिता शमीम, मां फरजाना, बड़ा भाई अरसलान और तीन बहनों के साथ श्रीराम कालोनी गली नंबर 11 में रहता था। शमीम की घर में जूते बनाने की फैक्टरी है। फरहान इलाके में स्थित एक स्कूल की पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। साथ ही घर के पास स्थित मदीना मस्जिद में कुरान के हाफ्जे की पढ़ाई करता था। शमीम ने बताया कि गुरुवार को दोनों बेटों के साथ मस्जिद में नमाज पढऩे गया था। नमाज पढ़कर वह घर आ गया जबकि दोनों बच्चे मस्जिद में पढ़ाई करने के लिए रूक गये। घर पहुंचने के कुछ देर बाद मस्जिद से फोन आया और बताया कि फरहान मस्जिद में नहीं है। उसके बाद परिवार वालों ने फरहान की तलाश शुरू की। काफी तलाश के बाद जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो परिवार वालों ने उसके गुमशुदा होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मस्जिद के मौलवी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करने के साथ साथ पढऩे वाले बच्चों से पूछताछ की। पुलिस ने मस्जिद के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की। गुरुवार को फरहान मस्जिद जाता हुआ दिखा लेकिन बाहर निकलते नहीं देखा। बच्चों से पूछताछ में दो बच्चों ने बताया कि फरहान उनके साथ मोमोज खाने गया था, वहां से वह कहीं चला गया। पुलिस को उन दो बच्चों पर शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पूछताछ में उनलोगों ने बताया कि टीवी सीरियल सीआईडी देखकर घटना को अंजाम दिया। उनका मकसद बच्चे की हत्या करने के बाद उसके परिवार वालों से फिरौती मांगने की थी। उन्हें लगता था कि शमीम के पास काफी पैसे हैं और वह फिरौती दे देगा। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in