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मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी दो गिरफ्तार

नई दिल्ली, 07 मई (हि.स.)। राजधानी में कोविड महामारी के दौरान बहुत से डॉक्टर और अस्पताल से जुड़े लोगों ने भी जरूरी दवाईयों व मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी शुरू कर दी है। कुछ लोग को नकली दवाईयों तक का धंधा कर रहे हैं। बाहरी दिल्ली के नांगलोई थाना पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शालीमार बाग निवासी कमल (25) और दीपक (29) के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों के पास से 15 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन व 34 हजार रुपये, एक ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बरामद किया है। आरोपी 30 हजार रुपये में नकली इंजेक्शन बेचकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, बुधवार को नांगलोई थाना पुलिस को नकली रेमडेसिविर बेचने की सूचना मिली थी। पुलिस को शिकायतकर्ता नांगलोई निवासी राहुल ने बताया कि उसके अंकल कोरोना से बीमार थे। उनके लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी। उसने गूगल की मदद से नंबर लेकर आरोपित से बातचीत की। 30 हजार रुपये में इंजेक्शन की डील फाइनल हो गई। आरोपित ने रोहिणी इलाके में बुलाकर राहुल को एक इंजेक्शन दे दिया। इधर राहुल के अंकल की मौत हो गई। राहुल को आरोपित पर शक था। इसलिए उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। फौरन एक टीम तैयार की गई। नकली ग्राहक बनकर आरोपित से बातचीत की गई। एक और इंजेक्शन देने के लिए आरोपित को नांगलोई बुलाया गया। वहां पुलिस की टीम ने आरोपित कमल और दीपक को दबोच लिया। दोनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। आरोपित कमल ने बताया कि वह शालीमार बाग के एक बड़े अस्पताल में टेक्नीशियन की नौकरी करता है। दीपक उसका रूम पार्टनर है और वह प्राइवेट नर्स और स्टाफ उपलब्ध कराने का काम करता है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कहां से लाते थे। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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