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केरल में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई पर सख्त कार्रवाई: वन मंत्री

तिरुवनंतपुरम, 14 जून (आईएएनएस)। पिनाराई विजयन सरकार केरल के वायनाड और अन्य जिलों में सदियों पुराने शीशम और अन्य पेड़ों की कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित कटाई के बंधन में फंस गई है। राज्य के वन मंत्री ए.के. शशिंद्रन ने सोमवार को कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बहुआयामी कार्रवाई की जाएगी। ससींद्रन ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि विजिलेंस, पुलिस और वन ने जांच शुरू कर दी है। ससींद्रन ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि प्रारंभिक रिपोर्ट बहुत जल्द आएगी और एक बार आने के बाद, बहुत सख्त कार्रवाई होगी । इसमें सिर्फ निलंबन नहीं होगा, बल्कि बहुत मजबूत बहुआयामी कार्रवाई होगी। ऐसे सभी पेड़ जो अवैध रूप से काटे गए हैं, उन्हें जब्त कर लिया जाएगा और सरकार कार्रवाई कर हिरासत में लेगी। इस मामले में प्रमुख पर्यावरणविद् प्रचारक और भाकपा के राज्यसभा सदस्य बिनॉय विश्वन और भाकपा के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आमतौर पर करप्शन से जुड़े मामलों में ये नेता जमकर हंगामा करते हैं लेकिन जब कोई कांग्रेस का नेता इसमें शामिल होता है तो कोई हंगामा नहीं होता। रोजी ऑगस्टीन नाम के एक लकड़ी के व्यापारी पर वन अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि उसने वायनाड में महंगे शीशम के पेड़ काटे थे। हालांकि, व्यापारी ने दावा किया कि उसने नियमों के अनुसार पेड़ों को काटा था और आवश्यक कागजात प्राप्त करने के लिए, उसने वन अधिकारियों को 25 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर दिए थे। संयोग से, यह मुद्दा पिछले हफ्ते केरल विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा उठाया गया था, जबकि यही मामला केरल उच्च न्यायालय में भी सामने आया था। संयोग से अक्टूबर के आदेश ने उन लोगों की भूमि में चंदन के पेड़ों को छोड़कर पेड़ों को काटने की अनुमति दी, जिनके पास मालिकाना हक है और हालांकि तत्कालीन राज्य के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने सहमति व्यक्त की कि यह विभिन्न किसान संगठनों के कई अनुरोधों के बाद किया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट्स अब सामने आई हैं कि इस मुद्दे पर चंद्रशेखरन और उनकी पार्टी के सहयोगी के. राजू - तत्कालीन वन मंत्री के बीच तीन बैठकें हुई थीं। अब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि विवादित आदेश में कहा गया है कि वन विभाग के अधिकारी इस आदेश के आधार पर पेड़ गिरने वालों के लिए किसी भी तरह की समस्या पैदा नहीं करें, अगर ऐसा किया गया तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की और शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई के संबंध में उनके मंत्रालय द्वारा विस्तृत जांच की मांग करते हुए भाजपा ने भी कदम बढ़ाया है। अगले दिन वह वायनाड में उन स्थानों पर थे जहां 200 साल से अधिक पुराने शीशम के पेड़ काटे गए थे। सोमवार को विभिन्न राज्य भाजपा नेताओं ने अलग-अलग टीमों का गठन किया है और विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं जहां इस विवादास्पद आदेश के आधार पर पेड़ काटे गए थे। बुधवार को वे इस बड़े घोटाले के खिलाफ राज्य में 16,000 स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

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