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नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सहयोगी आरोपित की द्वितीय जमानत याचिका निरस्त

अनूपपुर, 01 मार्च (हि.स.)। नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने में सहयोगी रहे थाना चचाई के आरोपित प्रमोद विश्वकर्मा की रिहाई आवेदन को विशेष न्यायाधीश अनु.जाति/जनजाति जिला सत्र न्यायधीश कृष्णकांत शर्मा की न्यायालय ने जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी के मौखिक विरोध के बाद निरस्त का दिया। मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने सोमवार को बताया कि आरोपित पर आरोप है कि उसने पीड़ित नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपित को सहयोग किया। आरोपित ने अपने जमानत आवेदन में कहा कि वह निर्दोष है। 16 जून 2020 से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। घर में अकेला कमाने वाला है और उसके जेल में रहने से परिवार के भूखे मरने की नौबत आ जायेगी। जिस पर अभियोजन ने विरोध करते हुए कहा कि आरोपित को जमानत देने पर वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है, अन्य अपराध व फरार हो सकता है। न्यायालय ने जमानत आवेदन यह कहते हुए निरस्त करतें हुए कहा कि आरोपित अपराध में संलिप्तता दर्शित है उसके विरुद्ध 12 वर्षीय पीडि़ता के साथ सामूहिक बलात्संग के कृत्य में भूमिका अदा की है एवं पीडि़ता द्वारा कथन में बताया गया है कि प्रमोद विश्वकर्मा घटना के समय वहां मौजूद था यदि उसे जमानत का लाभ दिया जाता है उसके द्वारा साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित करने कि सम्भवना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके बाद उसकी जमानत खारिज कर दी गयी। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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