Poisonous liquor in Bharatpur, 7 killed so far

भरतपुर में जहरीली शराब का कहर, अब तक 7 की मौत

भरतपुर, 14 जनवरी (हि. स.)। जिले के रूपवास क्षेत्र के चक सामरी गांव में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या सात हो गई है। गुरुवार सुबह जयपुर ले जाते समय एक और बीमार की मौत हो गई, जबकि गुरुवार सुबह तक चार और लोगों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। रूपवास क्षेत्र के चक सामरी गांव में बुधवार को जहरीली शराब के सेवन से दो लोगों की मौत हो गई थी। बाकी आठ बीमार लोगों को भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर बुधवार देर रात तक दो और गुरुवार सुबह तक तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। ऐसे में गुरुवार सुबह तक जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या सात तक पहुंच गई। तीन अन्य बीमारों का आरपीएम जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। इस हादसे के बाद आनन-फानन में आबकारी विभाग और पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए घटनास्थल के आस-पास 10 किलोमीटर एरिया में शराब के सभी गोदाम सील कर दिए हैं। जबकि 16 ठेकों और गोदामों से शराब के सैंपल लेकर जांच के लिए जयपुर भेजे गए हैं। निकटवर्ती गांव विलान चटपुरा और खार का नगला में 4 जगह से 45 लीटर हथकढ़ शराब जब्त करने के साथ ही करीब 3500 लीटर वॉश नष्ट की गई है। साथ ही करीब 5 भट्टियों को भी नष्ट किया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से लंबे समय से हथकढ़ शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। जब भी शिकायत की जाती है तो छोटी-मोटी कार्रवाई करके छोड़ दिया जाता है। आरोपित छूटकर फिर उसी धंधे मेें लग जाते हैं। इस संबंध में चकसामरी निवासी रोहतम सिंह पुत्र धर्मसिंह कुशवाह ने रूपवास सीएचसी पर पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि हादसे के शिकार लोगों ने मंगलवार शाम को गांव के ही रामेश्वर और संतोष उर्फ संता से शराब खरीदी थी। इसके बाद जब सुबह उठे तो उल्टी, सिर चकराने और आंखों से कम दिखाई देने की शिकायतें हुईं। इसके बाद इनकी हालत बिगड़ती चली गई और मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। हादसे में संतोष (40) पुत्र छोटेलाल कुशवाह, लल्लू (22) पुत्र सोभरन, राजेश (32) पुत्र चंदनसिंह, रविप्रकाश (25) पुत्र जयप्रकाश कुशवाह एवं तेजनगर निवासी मांगीलाल (55) पुत्र लोहरेराम को आंख से दिखना बंद हो गया हैं। इनका आरबीएम में इलाज चल रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in