
ग्वालियर, 24 मार्च (हि.स.)। रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए पटवारी को बुधवार को अदालत ने चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित पर दस हजार रूपए का जुर्माना भी किया गया है। भ्रष्ट पटवारी नामांकन के लिए यह रिश्तत लेते हुए दो साल पहले पकड़ा गया था। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने पटवारी अनिल शर्मा पटवारी हल्का ग्राम सिंघारन तहसील भितरवार को अधिनियम की धारा 13 व अन्य धाराओं में यह सजा सुनाई गई है। इसके अलावा धारा 7 के अपराध में तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक अरविंद श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 जनवरी 2018 को शिकायतकर्ता अर्जुन सिंह कुशवाह ने अपने पिता की मृत्यु होने के बाद उनके नाम की कृषि भूमि का नामांतरणर कराने के संबंध में तहसीलदार भितरवार को आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसे संबंधित पटवारी अनिल शर्मा को कार्रवाई के लिए आदेशित किया गया। पटवारी द्वारा इसके लिए उन्हें बार-बार चक्कर लगवाए जा रहे थे। जब पटवारी से पूछा गया तो उसने कहा कि तीस हजार रुपए लगेंगे और नामांतरण हो जाएगा। अर्जुन सिंह ने पटवारी से कहा कि यह राशि ज्यादा है कुछ तो कम करो। इस बीच उसने एसपी लोकायुक्त को इसकी शिकायत कर दी। लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार मांगे जाने की पुष्टि होने के बाद ट्रेप दल को भ्रष्टाचारी को पकडऩे के लिए भेजा। 29 जनवरी 2018 को लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी अनिल शर्मा को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। रिश्वत की राशि उसके पेंट की पिछली जेब से बरामद कर ली थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपित के खिलाफ चालान पेश किया था जिसमें न्यायालय ने स्पीडी ट्रायल करते हुए आरोपी को आरोपित को यह सजा सुनाई। हिन्दुस्थान समाचार/शरद