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केटीआर ने 6 साल की दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को हरसंभव मदद का दिया भरोसा

हैदराबाद, 3 नवंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआ) ने बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक सरपंच के पति द्वारा कथित रूप से यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाली छह वर्षीय आदिवासी लड़की के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। रामा राव, (जो टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं) ने सरकार द्वारा संचालित निलोफर चिल्ड्रन हॉस्पिटल का दौरा किया, जहां पीड़िता का इलाज चल रहा है और उन्होंने उसके माता-पिता से मुलाकात की। उन्होंने राजन्ना सिरसिला में हुई घटना को चौंकाने वाला करार दिया और न्याय दिलाने में परिवार के साथ खड़े होने का वादा किया। केटीआर ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी घटना शर्मनाक है और दोषी को चाहे वह कोई भी हो, कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने डॉक्टरों को पीड़िता को बेहतर इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है। पीड़िता को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था और उसे छह घंटे तक इंतजार करने के लिए कहा गया था। तेलंगाना गिरजाना संघम द्वारा अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद पीड़िता को तत्काल चिकित्सा और न्याय दिलाने की मांग के बाद उसे भर्ती कराया गया था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय ने भी मंगलवार को अस्पताल का दौरा किया था। इस घटना पर चुप्पी के लिए केटीआर पर हमला बोला था। बहुजन समाज पार्टी के नेता आर.एस. प्रवीण कुमार ने अस्पताल में बच्ची के परिवार को सांत्वना भी दी थी। उन्होंने सरकार से मांग की थी कि पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए और परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराकर उसका भविष्य संवारा जाए। यह घटना 27 अक्टूबर को राजन्ना सिरसिला जिले के येल्लारेड्डीपेट मंडल के एक गांव में हुई थी। हालांकि, दो दिन बाद जब लड़की को बुखार हुआ और उसने अपने माता-पिता को यौन उत्पीड़न के बारे में बताया तो यह पता चला। पुलिस ने 46 वर्षीय आरोपी को 29 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। शंकर पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 6, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने उस समय यौन शोषण किया, जब वह घर पर अकेला था और लड़की वहां टीवी देखने गई थी। उसने पीड़िता को घटना के बारे में किसी को ना बताने की धमकी दी थी। हालांकि, अगले दिन उसे बुखार हो गया और उसने माता-पिता को घटना के बारे में बताया। बाद में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सरपंच के घर किराए पर आदिवासी परिवार रहता है। --आईएएनएस एचके/एसजीके

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