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कर्नाटक पुलिस ने नकली सरोगेसी रैकेट का किया भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार

बेंगलुरु, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक पुलिस ने बुधवार को बेंगलुरू में बच्चों को नि:संतान लोगों को बेचने वाले एक नकली सरोगेसी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों की पहचान देवी शनमुगा, महेश कुमार, राजना देवीप्रसाद, जनार्दन उर्फ जनार्थन और धनलक्ष्मी के रूप में हुई है। रैकेट के सरगना रत्ना की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। पुलिस ने 11 बच्चों का पता लगाया है और आशंका है कि आरोपियों ने 18 और बच्चों को बेचा है। वे कथित तौर पर प्रति बच्चे 2 से 3 लाख रुपये लेते थे और उन लोगों से किश्तों में पैसे लेते थे, जिन्हें बच्चा दिया गया था। डीसीपी (दक्षिण) हरीश पांडे ने बताया कि पुलिस को रैकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता तब मिली, जब उन्हें पता चला कि एक आरोपी के घर से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को 28 मदर कार्ड जारी किए गए थे। उस समय, हमें नहीं पता था कि मां का कार्ड फर्जी था या असली (रियल) माताओं का था। पुलिस विभाग ने एक-एक करके 11 बच्चों को ट्रैक किया। इस रैकेट में एक निजी नसिर्ंग होम की नर्स और कंपाउंडर शामिल थे और उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर वाले मदर्स कार्ड जारी किए। आरोपियों ने कर्नाटक के विभिन्न जिलों में बच्चों को बेचा। पुलिस उन पिताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज कर रही है, जिन्होंने अपने बच्चों को आरोपी व्यक्तियों को बेचा था। हालांकि, बच्चों को खरीदने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने बिचौलियों और महिला को गिरफ्तार कर लिया है। विभाग को कुछ और बच्चों का पता लगाने और उनकी पहचान करने की जरूरत है। वर्तमान में बच्चों को पालने वाले कुछ लोग उन्हें गोद लेने के इच्छुक हैं। हालांकि, बाल कल्याण समिति को आधिकारिक आदेश देना होगा। निगरानी कैमरों ने बेंगलुरु के विभिन्न अस्पतालों में आरोपियों की गतिविधियों को दिखाया है। वे अस्पतालों का दौरा करते थे और अपने नवजात शिशुओं को बेचने के लिए भोले-भाले और गरीब माता-पिता को पैसे की पेशकश करते थे। उन्होंने उन माता-पिता के बारे में भी जानकारी इकट्ठी की, जो प्रजनन केंद्रों में इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास संपर्क नंबरों तक पहुंच थी और सरोगेसी की पेशकश के साथ उनसे संपर्क किया था। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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