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पत्नी की हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास, ससुर को पांच साल की सजा और जुर्माना

रतलाम, 27 फरवरी (हि.स.)। चरित्र शंका में पत्नी का गला घोंटकर हत्या करने वाले आरोपित 24 वर्षीय कय्युम पुत्र नबी खां को आजीवन कारावास तथा उसके पिता 45 वर्षीय नबी खां पुत्र अहमद खां निवासी दशहरा मैदान विक्रमगढ़ आलोट को शव ठिकाने लगाने में सहयोग करने पर पांच वर्ष के कठोर कारावास व जुर्माने की सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दयाराम कुमरे द्वारा सुनाई गई। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने शनिवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 24 जनवरी 2018 को कय्युम ने आलोट थाने में उपस्थित होकर अपनी पत्नी शकीला की गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने कय्युम द्वारा बताए अनुसार गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कर खोजबीन शुरू की। इसी दौरान पुलिस को शंका होने पर कय्युम से कड़ी पूछताछ की तो उसने बताया कि चरित्र शंका को लेकर 15 जनवरी 18 को रात्रि 11-12 बजेे के दरम्यिान उसने घर में शकीला की गला घोंटकर हत्या कर दी। उसकेे बाद पिता के साथ मिलकर शव को कंबल में लपेटकर दूधिया रोड़ शमशान के पास एक खेत मेें गड्ढ़ा खोदकर दफना दिया। पुलिस ने गड्ढ़ा खुदवाकर शकीला का शव निकलवाया और मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम करवाया। दोनों बाप-बेटे के विरूद्ध पुलिस ने धारा 302,201 के तहत प्रकरण दर्ज किया। विवेचना पश्चात साक्ष्य संकलित कर दोनों आरोपितों के विरूद्ध न्यायालय में अभियोजन पत्र पेश किया। शनिवार को न्यायाधीश दयाराम कुमरे द्वारा दोनों अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। आरोपित कय्युम को आजीवन कारावास के साथ दस हजार रुपये अर्थदण्ड तथा उसके पिता को पांच वर्ष सश्रम कारावास के साथ पांच हजार रुपये का अर्थदण्ड किया। शासन की ओर सेे पैरवी अपर लोक अभियोजक हेमेन्द्र गोयल द्वारा की गई। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी

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