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औरंगाबाद की बहुचर्चित मां-बेटी हत्याकांड में पांच दोषी करार

गया, 25 जनवरी (हि.स.) औरंगाबाद के नवीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रजवरिया गांव की संगीता देवी और उनकी पुत्री प्रिया कुमारी को अपनों ने ही तेज धारदार हथियार से बेरहमी से काटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 दिनेश कुमार प्रधान ने सोमवार को संगीता देवी के ससुर कामेश्वर सिंह,देवर ब्रजेश सिंह और अनुज सिंह के अलावे गोतनी बेबी देवी और सरमिता देवी को मां-बेटी दोहरे हत्याकांड का दोषी ठहराया है।एक अन्य आरोपी जय कुमार को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया।अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील नरेश प्रसाद और पीड़ित पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह एवं योगेन्द्र प्रसाद योगी ने अदालत में पक्ष रखा। संगीता देवी की पुत्री और प्रिया कुमारी की बहन खुशबू कुमारी के लिखित फर्द बयान पर नवीनगर थाना में कांड संख्या 108/2012 दर्ज की गई थी। खुशबू घटना के समय तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अभयानंद के मार्गदर्शन में संचालित मगध सुपर 30 की छात्रा थी। खुशबू आज अपने पैरों पर न केवल खड़ी होने में सफल है। बल्कि अपनी मां और बहन के हत्यारों को सजा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह ने बताया कि घटना 22 जुलाई 2012 की है।जब संगीता देवी के ससुर कामेश्वर सिंह देवर ब्रजेश सिंह,अनुज सिंह और गोतनी बेबी देवी और सरमिता ने मां-बेटी को बेरहमी से हत्या कर दी। मां-बेटी का शव करवर नदी में बोरा में बंद कर फेंक दिया था। संगीता देवी का शव बेलबिगहा गांव और प्रिया कुमारी का शव सोन नदी से पुलिस ने बरामद की थी। करीब साढ़े आठ साल बाद रिश्ते को खून से तार-तार करने वाले मृतका प्रिया के दादा,दो चाचा और दो चाची अदालत से दोषी ठहराए गए हैं। मृतका प्रिया कुमारी की सगी मौसी बेबी देवी और ब्रजेश सिंह मौसा है। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/चंदा-hindusthansamachar.in

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