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सरकारी राशि गबन के आरोप में सीएसपी संचालक के खिलाफ एफआईआर

छपरा, 20 फरवरी (हि.स.)।जिले के मांझी के प्रखंड विकास पदाधिकारी नील कमल ने उत्तर ग्रामीण बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक के खिलाफ सरकारी राशि का गबन करने के आरोप में शनिवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके अलावा उसी ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक के खिलाफ एक उपभोक्ता ने भी 2,98,000 हजार रुपये की राशि गबन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई। दोनों प्राथमिकी दो अलग-अलग थाने में दर्ज की गई है। बीडीओ के लिखित आवेदन पर सीएसपी संचालक संगीता देवी तथा अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मालती देवी को वितीय वर्ष 2019-2020 में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था। लाभुक के द्वारा बैंक खाता संख्या 1005531030089228 प्रखंड कार्यालय को समर्पित किया गया था। लाभार्थी ने बाद में बताया कि निर्माण के उपरांत राशि प्राप्त नहीं हुई है। प्रखंड स्तर से सम्बंधित लाभार्थी के बैंक खाता की जांच की गई तो, उतर बिहार ग्रामीण बैंक दाउदपुर शाखा द्वारा बताया गया कि उक्त खाता सीएसपी संचालक संगीता देवी (सेंटर आईडी 6068) एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी तरीके से सरकारी राशि का गबन किया है। बैंक खाता में छेड़छाड़ कर अवैध कार्य करने का खुलासा हुआ। जिला स्तर से प्राप्त निदेश के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। कितनी राशि का गबन किया गया है? दर्ज प्राथमिकी में यह खुलासा नहीं किया गया है। थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है। सीएसपी संचालक के खिलाफ ग्राहक ने दर्ज कराई गबन की प्राथमिकी उतर बिहार ग्रामीण बैंक दाउदपुर के सीएसपी केंद्र बंगरा के द्वारा जमा राशि का गबन तथा फर्जीवाड़ा करने की प्राथमिकी शनिवार को दाउदपुर थाना में बंगरा गांव निवासी सत्यम कुमार सिंह ने दर्ज कराई है।आरोप है कि वह सीएसपी केंद्र बंगरा का खाताधारक हैं और खाताधारक होने के कारण जून 2018 में दो लाख रुपये फिक्स किया। सीएसपी संचालक संगीता देवी तथा विशाल कुमार ने अपने हाथों से रसीद दिया था। दिनांक 11/7/2018 को 28 हजार तथा दिनांक 27/7/2018 को 70 हजार रुपया जमा किया था, जिसका जमा रसीद भी उसे दिया गया। उक्त तीनों राशि के संबंध में पता चला कि उसके खाता में जमा किया गया राशि जमा ही नहीं हुआ है। साथ ही उसके द्वारा फिक्स राशि का फर्जी कागजात दे दिया गया है। इसकी सूचना ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक को भी दी गई। उसे दो लाख 98 हजार रुपया फर्जी रसीद दे दिया गया। थानाध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/गुड्ड

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