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ईडी ने वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा व उनकी बहू को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा, उनकी बहू (डॉटर इन-लॉ) प्रीति चंद्रा और रियल एस्टेट प्रमोटर राजेश मलिक को गिरफ्तार किया। यूनिटेक के प्रमोटर और रमेश चंद्र के बेटे संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में खुद संजय चंद्रा सलाखों के पीछे हैं। प्रीति चंद्रा को डोमिनिका की नागरिकता मिल गई है और आरोप है कि वह भारत से बाहर पैसे जमा कर रही हैं। तीनों को सोमवार को एजेंसी मुख्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है। उन्हें मंगलवार को एक अदालत में पेश किया जाएगा और ईडी उनके कस्टडी रिमांड की मांग कर सकती है। इसी मामले में शनिवार को एजेंसी ने नोएडा के सेक्टर 96-98 में 30.29 करोड़ रुपये मूल्य के 13,600 वर्ग मीटर के 29 भूखंडों (प्लॉट) को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यूनिटेक ग्रुप के खिलाफ जांच से जुड़ा है। यूनिटेक ग्रुप के चंद्राओं द्वारा कार्नोस्टी मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (सीएमपीएल) को ये भूमि पार्सल अवैध रूप से आवंटित किए गए थे। खरीद के लिए धन का स्रोत होमबॉयर का धन था जो पहले चंद्राओं द्वारा सीएमपीएल को हस्तांतरित किया गया था। ईडी ने यूनिटेक ग्रुप, उसके प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ घर खरीदारों की शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस और सीबीआई द्वारा दर्ज विभिन्न प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। एजेंसी के अनुसार, ईडी की जांच से पता चला है कि यूनिटेक समूह ने अपराध की आय को कार्नोस्टी समूह को 347.95 करोड़ रुपये में बदल दिया था और बदले में, कार्नोस्टी समूह की संस्थाओं ने अपराध की इन आय से भारत और विदेशों में कई अचल संपत्तियां खरीदीं। इस मामले में ईडी द्वारा पता लगाए गए अपराध की कुल आय 7,638.43 करोड़ रुपये है। इससे पहले ईडी ने एनसीआर और मुंबई में शिवालिक ग्रुप, त्रिकार ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और कार्नोस्टी ग्रुप के परिसरों सहित 41 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया था। --आईएएनएस एकेके/एसजीके

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