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चिटफंड कंपनी सृष्टिवेयर के डायरेक्टर की जमानत याचिका खारिज

अनूपपुर, 23 जनवरी (हि.स.)। लोगों को दोगुने-तिगुने ब्याज का लालच दिया दे करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले सृष्टिवेयर कंपनी के डायरेक्टर आरोपित देवेन्द्र कुमार की जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत शर्मा की न्यायालय ने जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के विरोध के बाद निरस्त कर दी। आरोपित के विरूद्ध थाना कोतवाली में मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के विरूद्ध अपराध दर्ज है। सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने शनिवार को बताया कि आरोपित 30 वर्षीय देवेन्द्र कुमार पुत्र सम्हारू राठौर निवासी जैतहरी फर्जी सृष्टिवेयर कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत था, जहां उसने कंपनी के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर आपसी लोगों से दोगुने-तिगुने ब्याज का लालच देकरे 7 लाख 27 हजार 200 रुपयों गबन किया गया तथा कंपनी द्वारा करोडों रुपयों की ठगी की गई। आरोपित ने जमानत आवेदन में कहा कि पुलिस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। वह फर्जी तरीके से जमा कराई गई रकम जमा करने को तैयार है। जमानत मिलने पर न्यायालय की सभी शर्तो का पालन करेगा। जिस पर अभियोजन ने विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि आरोपित द्वारा किया गया अपराध विशेष श्रेणी का है उसके द्वारा कई लोगों को झूठा प्रलोभन देकर लाखों रुपयों का निवेश अपनी कंपनी में कराया गया है यदि आरोपित को जमानत का लाभ दिया जाता है तो उसके फरार होने एवं प्रकरण के साक्ष्यों एवं संबंधित हितग्राहियों को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना है। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायालय द्वारा आरोपित की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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