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बंगाल में फर्जी आईपीएस, आईएएस अफसर से रहें सावधान

कोलकाता, 4 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता और कई हिस्सों से फर्जी आईएएस, आईपीएस और पुलिसकर्मियों के कई मामले सामने आने के बाद कोलकाता और राज्य पुलिस ने आंतरिक खुफिया और निगरानी प्रणाली विकसित करने का फैसला किया है ताकि इस तरह के मामलों का पता लगाया जा सके। राज्य के गृह विभाग के निर्देशों के बाद, राज्य पुलिस और कोलकाता पुलिस ने क्रमश: खुफिया शाखा और विशेष शाखा के तहत अपनी जासूसी टीम बनाने का फैसला किया है जो इस प्रकार के किसी भी प्रकार के विकास पर लगातार नजर रखेगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की राय है कि जब तक पुलिस बल के भीतर किसी तरह का संरक्षण नहीं होगा, इस तरह की चीजें नहीं हो सकती हैं। एक समय था जब पुलिस बल की अपनी खुफिया प्रणाली थी जो विभागों में होने वाले सभी प्रकार के विकास पर नजर रखती थी लेकिन काम के दबाव और मानव-शक्ति की कमी के कारण यह प्रणाली गैर-कार्यात्मक हो गई और स्वाभाविक रूप से राज्य पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस थानों और निचले स्तर पर हो रही घटनाओं से अनजान रहे। अधिकारी ने कहा, यह व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की एक प्रक्रिया है, ताकि पुलिस और प्रशासनिक पदानुक्रम में उच्च अधिकारियों को पता चल सके कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। इससे बल में अनुशासन बढ़ता है। हालांकि, हाल ही में, अक्सर पुलिस थाना स्तर या निचले विभागीय स्तर पर कुछ घटनाक्रम मुख्यालय तक नहीं पहुंचते हैं। इसलिए, एक वर्ग द्वारा कुछ अनैतिक प्रथाएं अक्सर शीर्ष अधिकारियों के ज्ञान से परे रहती हैं। कोलकाता पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, राज्य के विभिन्न कोनों से फर्जी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की गिरफ्तारी में हालिया तेजी का इस इंफोर्मेशन गैप से कुछ लेना-देना है। विभाग में कुछ सड़े हुए अंडे इन धोखेबाजों को गुप्त रूप से वापसी के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा, फर्जी आईपीएस राजश्री भट्टाचार्य का भी यही मामला रहा है। अन्यथा, भट्टाचार्य के आवास से कोलकाता पुलिस की विशेष शाखा के अत्याधुनिक हथियार और फर्जी पहचान पत्र कैसे बरामद किए गए, जो उन्हें एनआईए अधीक्षक के रूप में प्रतिरूपित करते थे। उन्होंने कहा, इसी तरह, राज्य सचिवालय और कोलकाता नगर निगम के मूल दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां फर्जी आईएएस अधिकारी देबंजन देब के लैपटॉप से बरामद की गईं। राजर्षि भट्टाचार्य के मामले में, पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के एक सहायक उप-निरीक्षक के लिंक का संकेत देने वाले दस्तावेज हैं जांच अधिकारियों द्वारा पहले ही एक्सेस कर लिया गया है। अब राज्य पुलिस और कोलकाता पुलिस दोनों ही आंतरिक जासूसी की उस पुरानी व्यवस्था को पुनर्जीवित और मजबूत करना चाहते हैं ताकि पुलिस स्टेशन और संभाग स्तर पर छोटी से छोटी घटना भी दोनों बलों के मुख्यालय तक पहुंच सके, खासकर उनकी खुफिया शाखा तक। कोलकाता पुलिस की विशेष शाखा (एसबी) और पश्चिम बंगाल पुलिस की खुफिया शाखा (आईबी) को विशेष रूप से आंतरिक जासूसी की व्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए सौंपा गया है। दोनों का मुख्यालय मध्य कोलकाता में लॉर्ड सिन्हा रोड पर है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसबी और आईबी के अधिकारी समय-समय पर विभिन्न थानों का दौरा करेंगे और वहां तैनात पुलिसकर्मियों से बात करेंगे। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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