मजदूरी मांगने पर पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा
छपरा, 09 मई (हि.स.)।वैश्विक महामारी में जहां हर कोई एक दूसरे व गरीब असहायों की मदद कर रहे है। वहीं सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना घटित हुई है। इस वैश्विक महामारी में मजदूरी मांगने पर हत्या ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इंसानों को हैवान बनने वाली चेहरे को सामने लाया है।मामला गड़खा थाना क्षेत्र के सरगट्टी गांव की है,जहां पर मजदूरी मांगने पर एक मजदूर को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगट्टी गांव के मुसहर टोली के ठेकेदारी में काम करने को लेकर विवाद में एक मजदूर ने पीटकर पड़ोसी द्वारा हत्या कर दी गई।मृतक स्वर्गीय रघुनी रावत के 22 वर्षीय पुत्र मनोज रावत बताया जाता है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल भेज दिया।मृतक के पत्नी संगीता देवी ने बताया कि गांव के ही विश्वकर्मा राउत और रनु राउत के युवक ने डंडे से पीट-पीटकर शनिवार की रात्रि में मौत के घाट उतार दिया। थानाध्यक्ष अमृतेश कुमार ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मजदूरी को लेकर दोनों में विवाद हुई थी मामले में विश्वकर्मा और रनु राउत को आरोपी बनाया गया है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। अब गर्भवती पत्नी व दो मासूमों की परवरिश कौन करेगा: लॉकडाउन में सभी कामकाज बन्द हैं, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरी की बच्चे व परिवार भूखे सोने को विवश हैं।इस बार नेता या संस्था कोई भी मदद को आगे नही आ रहा है। मनोज ने बच्चों व पत्नी को दो वक्त के भोजन के लिए बकाया मजदूरी मांगा था इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया गया,परंतु सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि अब गर्भवती पत्नी एवं दो मासूम बच्चों की परवरिश पढाई एवं पालन पोषण कैसे होगी ऐसे में अधिकारियों एवं समाजसेवी संगठनों का कर्तव्य बनता है कि बच्चों की बेहतर पढ़ाई एवं परिवार इसे का खर्चा उठाया जाए । हिन्दुस्थान समाचार/गनपत