bangladeshi-citizen-sentenced-to-three-years-imprisonment-and-fine-of-25-thousand-rupees
bangladeshi-citizen-sentenced-to-three-years-imprisonment-and-fine-of-25-thousand-rupees

बांग्लादेशी नागरिक को तीन वर्ष कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा

भागलपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। एडीजे 11 अतुलवीर सिंह की अदालत ने शनिवार को एनडीपीएस एक्ट के उल्लंघन और बगैर पासपोर्ट देश में घूमने के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद बांग्लादेशी नागरिक शहादत हुसैन उर्फ पायल को मुजरिम करार देते हुए तीन वर्ष का कारावास और पच्चीस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। रकम की अदायगी नहीं करने की स्थिति में उसे तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। उल्लेखनीय है कि शहादत विगत 25 नवंबर 2018 से जेल में बंद है। 24 नवंबर 2018 की शाम ब्रह्मपुत्र मेल से भागलपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे शहादत को तत्कालीन रेल थानाध्यक्ष श्रीकांत मंडल ने गिरफ्तार किया था। उसके पास से स्मैक, नशीली टिकिया समेत अन्य आपत्ति जनक वस्तुएं बरामद की गई थी। तब उसने खुद को किन्नर के रूप में प्रस्तुत किया था लेकिन मेडिकल जांच में वह पुरुष निकला था। वह दिल्ली में बिना पासपोर्ट के बांग्लादेश से प्रवेश कर वहां ड्रग पैडलर का काम करता था। शहादत उर्फ पायल ने गिरफ्तारी के बाद यह बयान दिया था कि दिल्ली में अवैध तरीके से बिना पासपोर्ट के बांग्लादेश के एकरा गांव से लाया गया था। वहां वेश बदल कर सोरण सरदार के संरक्षण में रहकर मादक पदार्थ की आपूर्ति हुक्का बार समेत क्लबों में किया करता था। उस दौरान उसका एक बड़ा गिरोह भी तैयार हो गया था। पुलिस से बचने के लिए नकली किन्नर बन सार्वजनिक जगहों से गुजर कर मादक पदार्थ की आपूर्ति का काम आसानी से कर रहा था। मालदा जाने के क्रम में वह भागलपुर रेलवे स्टेशन पर पानी लेने उतरा था। तभी उसकी गाड़ी छूट गई थी। उस दौरान वह पुलिस की निगाह में आ गया था। शहादत मालदा से सटे बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते चोरी-छिपे भारत आया था और उस रास्ते वापस भी हो रहा था। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in