AIIMS study: Indians take more than 1000 kg heroin daily

एम्स की स्टडी : रोजाना 1000 किलो से ज्यादा हेरोइन का नशा करते हैं भारतीय

नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। देशभर में बीते 15 साल के दौरान हेरोइन के इस्तेमाल में तेजी से वृद्धि हुई है। वर्ष 2004 में जहां 0.2 फीसदी लोग भारत में हेरोइन का इस्तेमाल करते थे, वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.14 फीसदी हो गया है। इसका मतलब करीब 1.3 करोड़ लोग भारत में हेरोइन का नशा करते हैं। एम्स द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, रोजाना 1000 किलो से ज्यादा हेरोइन का नशा भारतीय कर लेते हैं। वहीं हेरोइन का मुख्य सप्लायर गोल्डन क्रेसेन्ट है, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान व ईरान शामिल हैं। नारकोट्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, अफीम को केमिकल की मदद से हेरोइन बनाने का सबसे अधिक काम गोल्डन क्रिसेंट में होता है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल है। अफगानिस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा हेरोइन का उत्पादन करने वाला देश है। 2018-19 में अफगानिस्तान ने हेरोइन का उत्पादन इतना ज्यादा किया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत नीचे गिर गई। वहां पर अफीम की खेती पूरी तरीके से अवैध है लेकिन इसके बावजूद वह हेरोइन का सबसे बड़ा उत्पादक है। इन रास्तों से होती है तस्करी हेरोइन की तस्करी करने वाले समुंद्र से लेकर हवाई रूट का इस्तेमाल दूसरे देशों तक इसकी खेप पहुंचाने के लिए करते हैं। भारत में हेरोइन खपाने के लिए अफगानिस्तान के तस्कर मुख्य रूप से हवाई रूट का इस्तेमाल करते हैं। कई बार देखने में आया है कि तस्कर अपने शरीर में भी हेरोइन छुपा कर लाते हैं। वह इसके कैप्सूल बना कर खा लेते है। भारत पहुंचने पर वह ऑपरेशन या शौच के जरिए इसे बाहर निकाल लेते हैं। तस्करी में कई बार कैप्सूल फटने से उनकी जान भी चली जाती है। इसके साथ कुरियर के जरिये हेरोइन तस्करी के मामले भी पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं। ‘म्यांमार से उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते आती है हेरोइन’ हेरोइन की तस्करी में शामिल म्यांमार के तस्कर उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत में हेरोइन खपाते हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों से यह हेरोइन दिल्ली-एनसीआर, उप्र, पंजाब आदि राज्यों के विभिन्न इलाकों में भेजी जाती है। पाकिस्तान भी बांग्लादेश एवं पंजाब के रास्ते भारत में हेरोइन की खेप भेजता रहा है। 2019 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 140 किलो हेरोइन बरामद की थी। वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी 200 किलो से ज्यादा हेरोइन 2019 में बरामद की थी। 2020 में लॉक डाउन के चलते ज्यादा मात्रा में हेरोइन भारत नहीं पहुंची। ‘रेव पार्टियों में होता है हेरोइन का इस्तेमाल’ दिल्ली एनसीआर में आयोजित होने वाली अधिकांश रेव पार्टियों में हेरोइन का इस्तेमाल किया जाता है। अन्य पार्टी ड्रग्स की कीमत की तुलना करें तो हेरोइन उनके मुकाबले काफी सस्ती है। अभी के समय में एक ग्राम हेरोइन दो से तीन हजार रुपये में दिल्ली-एनसीआर में उपलब्ध हो जाती है। वहीं अफगानिस्तान में इसकी कीमत 500 से 700 रुपये प्रति ग्राम है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो इसकी कीमत 4 से 5 हजार रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच जाती है। भारत में बरेली के कुछ इलाकों में हेरोइन उत्पादित की जाती है, लेकिन वह काफी कम मात्रा में उत्पादित होती है और उसकी क्वालिटी भी हल्की होती है। यही वजह है कि विदेशों से आने वाली हेरोइन की डिमांड ज्यादा होती है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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