abhyanand39s-dna-test-quotexperimentquot-successful-in-punishing-criminals
abhyanand39s-dna-test-quotexperimentquot-successful-in-punishing-criminals

अभयानंद का डीएनए टेस्ट "प्रयोग" अपराधियों को सख्त सजा दिलाने में कामयाब

गया, 16 फरवरी (हि. स.) । बिहार में पहली बार डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म के एक आरोपी को फांसी की सजा हुई है।1977 बैच के आईपीएस अभ्यानंद ने अपने पुलिस महानिदेशक के कार्यकाल में डीएनए जांच की शुरुआत पटना के फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी(एफ एस एल) में कराई थी।आज अपराध अनुसंधान विभाग के अपर महानिदेशक बिनय कुमार के नेतृत्व में एफएसएल में सैकड़ों की संख्या में डीएनए टेस्ट हो चुका है या जांच के लिए लंबित है। पूर्व डीजीपी अभयानंद ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस महानिदेशक के पद पर सितंबर 2011 में योगदान किया तब बिहार में डीएनए टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। यहां तक की एफ एस एल की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वैज्ञानिक साक्ष्यों को अभियोजन पक्ष अभियुक्तों को सजा दिलाने में अदालत में प्रदर्श के रूप उपस्थापित कर सकें। उन्होंने एफ एस एल को संसाधन युक्त बनाने के लिए योजना बनाई।एफ एस एल में युवा वैज्ञानिकों को लाया गया। वैज्ञानिकों को मोटिवेट कर उन्हें अधिक से अधिक प्रदर्शो की जांच करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि उनका प्रयास रहता था कि वे प्रतिदिन युवा वैज्ञानिकों के साथ कुछ पल बिताएं। अभयानंद के अनुसार उन्होंने एफ एस एल के दो वैज्ञानिकों आशु झा और इंजय को डीएनए टेस्ट की विशेष जांच के प्रशिक्षण के लिए दिल्ली के केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा।फिर उसके बाद हैदराबाद के सेंटर सेक्युलर एंड माइक्रोबायोलॉजी(सीसीएमबी) भेजकर अत्याधुनिक तकनीक के लिए प्रशिक्षित कराया। उन्होंने बताया कि पहले डीएनए टेस्ट के लिए हैदराबाद के सीसीएमबी में सैंपल भेजा जाता था। क्या है डीएनए जांच पूर्व डीजीपी अभयानंद के अनुसार व्यक्ति के हर सेल में ब्लड होता है।ब्लड तीन प्रकार के हैं।1.डब्ल्यू बी सी,2.आर बी सी और 3.प्लेटिलेट। दुष्कर्म के मामले में आरोपी और पीड़िता के ब्लड और आरोपी के स्पर्म की जांच कराई जाती है। पीड़िता के गर्भ में पल रहे शिशु और आरोपी के डीएनए की जांच पटना में पास्को एक्ट कोर्ट के विशेष जज अवधेश कुमार ने पांचवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल राज सिंधानिया उर्फ अरविंद कुमार को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए का अर्थ दंड की सजा सुनाई है। कांड की अनुसंधानक पटना महिला थाना की एस एच ओ रवि रंजना(वर्तमान में गया महिला थाना की एस एच ओ) बताती है कि उनके समक्ष पहली बार पीड़िता और दुष्कर्मी के डीएनए टेस्ट कराने की चुनौती थी।रवि रंजना के शब्दों में उन्होंने पीड़िता के गर्भ में पल रहे शिशु के भ्रूण और आरोपी के ब्लड का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजी। दोनों सैंपल का मिलान डीएनए टेस्ट में हो गया।रवि रंजना इस बात से अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही है कि उसके विभागीय कार्रवाई और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन के कारण एक छोटी बच्ची के साथ हैवानियत करने वाले को फांसी की सजा हुई है। सैकड़ोंं की संख्या में डीएनए टेस्ट सीआईडी के अपर महानिदेशक बिनय कुमार के नेतृत्व में एफएसएल में सैकड़ों की संख्या में दुष्कर्म मामले में डीएनए की जांच हुई है या जांच के लिए लंबित है। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/चंदा-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in