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केंद्र सरकार में यौन उत्पीड़न की 391 शिकायतें मिलीं

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की कुल 391 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 1 जनवरी, 2020 से अब तक 150 शिकायतें शामिल हैं, जिसकी जानकारी गुरुवार को संसद को दी गई। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि मंत्रालय ने कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स (एसएचई-बॉक्स) नामक एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि एक बार शी-बॉक्स में शिकायत दर्ज हो जाने के बाद, यह मामले में कार्रवाई करने के लिए अधिकार क्षेत्र वाले संबंधित प्राधिकारी के पास सीधे पहुंचती है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ उस संबंध में स्थिति को अद्यतन करना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है। ऑन शी बॉक्स संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के पास है। मंत्री ने कहा, अब तक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से संबंधित शी-बॉक्स में कुल 391 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 1 जनवरी, 2020 से 150 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। शीबॉक्स में दर्ज 36 मामलों का विश्लेषण और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के खिलाफ दिखाया गया है कि उनमें से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के केवल दो मामले हैं, पोर्टल पर तीन प्रविष्टियां एक ही व्यक्ति से एक ही व्यक्ति के खिलाफ शिकायत से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि अन्य 32 मामले महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दहेज उत्पीड़न, दुर्व्यवहार, सुझाव और अन्य से संबंधित विभिन्न मामलों में सार्वजनिक शिकायतों की प्रकृति के हैं। इसके अलावा, मंत्रालय के खिलाफ पोर्टल में आने वाले कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के दो मामलों में से कोई भी मंत्रालय के कार्यस्थल से संबंधित नहीं है। इस बात पर जोर देते हुए कि कार्यस्थल पर सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने सहित देश में महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है, ईरानी ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम , 2013 को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने और सभी महिलाओं के लिए इससे संबंधित शिकायतों की रोकथाम और निवारण के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था, चाहे उनकी उम्र, रोजगार की स्थिति या काम की प्रकृति चाहे सार्वजनिक या निजी संगठित या असंगठित क्षेत्र में काम कर रही हों। --आईएएनएस एसजीके

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