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मद्रास हाईकोर्ट ने 2019 के टीएनपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया

चेन्नई, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को सितंबर, 2019 के तमिलनाडु लोक सेवा निगम (टीएनपीएससी) समूह 4 में हुए घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया। सीबी-सीआईडी की चार्जशीट के अनुसार, 99 व्यक्तियों ने रामेश्वरम और कीलाकारी परीक्षा केंद्रों पर लुप्त स्याही का उपयोग कर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती के लिए टीएनपीएससी परीक्षा दी थी और बाद में टीएनपीएससी के दो स्टाफ सदस्यों की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई थी और एक वैन में ले जाई गई थीं। सीबी-सीआईडी ने इस सिलसिले में 118 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि मामले में उच्च अधिकारी शामिल थे। दो निचले स्तर के टीएनपीएससी अधिकारियों की उच्च अधिकारियों से मिलीभगत के बिना ऐसा घोटाला संभव नहीं है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा सत्यनारायण और न्यायमूर्ति पी. वेलमुरुगन की खंडपीठ ने अधिवक्ता मोहम्मद रजवी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर आदेश पारित किया। वादी मोहम्मद रिजवी ने अदालत से अपील की कि मामले की जांच कर रही तमिलनाडु सीबी-सीआईडी ने केवल कुछ बिचौलियों और उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया था। जनहित याचिका में मोहम्मद रजवी ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने का घोटाला उच्च अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता था। उन्होंने अदालत के समक्ष अपील की कि सीबी-सीआईडी इस घोटाले में उच्च अधिकारियों की भूमिका को उजागर नहीं कर पाएगी, इसलिए वह चाहते हैं कि मामला सीबीआई को स्थानांतरित किया जाए। सीबी-सीआईडी ने अपने जवाब में कहा था कि टीएनपीएससी के केवल दो अधिकारी, एक क्लर्क और एक रिकॉर्ड कीपर घोटाले में शामिल थे और कोई अन्य अधिकारी घोटाले में शामिल नहीं था। अदालत ने पिछले महीने सुनवाई के दौरान टीएनपीएससी से मौखिक रूप से पूछा था कि उत्तर पुस्तिकाओं को ले जाने वाली वैन में मोम की सील से छेड़छाड़ की पहली बार में पहचान क्यों नहीं की गई। अदालत ने यह भी पूछा था कि जिन दो केंद्रों में कदाचार हुआ था, वहां आयोजित परीक्षा रद्द क्यों नहीं की गई। अदालत ने 14 दिसंबर को मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और सीबीआई को स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच करने और बिना किसी अत्यधिक देरी के कार्यवाही पूरी करने का आदेश दिया। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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