जालोर में कोरोना में मनरेगा बनी वरदान, 1.28 लाख ग्रामीणों को मिला रोजगार
जालोर में कोरोना में मनरेगा बनी वरदान, 1.28 लाख ग्रामीणों को मिला रोजगार

जालोर में कोरोना में मनरेगा बनी वरदान, 1.28 लाख ग्रामीणों को मिला रोजगार

जालोर, 03 जून (हि.स.)। जालोर जिले में कोरोना में ग्रामीणों के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हो रही है। लॉक डाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर 1.28 लाख ग्रामीणों को रोजगार मिलने से आर्थिक संबल मिला है। इधर प्रत्येक राजस्व गांव में चार कार्यों के प्रस्ताव एक सप्ताह की अवधि में भिजवाने के निर्देश दिये गये हैं। जालोर जिले में लॉक डाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीणों के साथ रोजगार का संकट खड़ा हो गया था, वहीं अब तक प्रवासियों का आवागमन भी गांवों में शुरू हो गया है। अधिकतर प्रवासी होम क्वारेंटाईन के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार की मांग करने आगे आयेंगे ताकि अपने परिवार का गुजारा आसानी से चला सकें। ऐसी विकट परिस्थितियों में महात्मा गांधी नरेगा योजना उनको संबल प्रदान कर रही है। वर्तमान समय में जालोर जिले में सभी पंचायत समितियों में मनरेगा कार्य चल रहे हैं और 1.28 लाख श्रमिकों को कार्य पर नियोजित किया गया है। पिछले वर्ष मई माह में श्रमिकों की तादाद 70 हजार के आस-पास रही थी। किन्तु इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण स्थानीय स्तर पर अन्य कार्यो में रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाने से ग्रामीण मनरेगा कार्य में काफी रूचि ले रहे हैं। जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के अनुसार जालोर जिले में मनरेगा में 3476 कार्य चल रहे हैं और रोजगार की मांग के आधार पर स्थानीय स्तर पर और अधिक कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं। इस हेतु विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जरूरतमंद को रोजगार उपलब्ध करवाया जायें। श्री गुप्ता के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा योजना कोरोना जैसी महामारी के दौरान ग्रामीणों के लिए खासी मददगार एवं वरदान साबित हो रही है। कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी रखने के साथ-साथ एडवाईजरी की पालना करवाई जा रही है। सभी को मास्क अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं। प्रवासियों की मांग के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मनरेगा में प्रत्येक राजस्व गांव में एक गांव-एक काम के प्रस्ताव लिये जा रहे हैं, अगर कोई प्रवासी अपना जॉब कार्ड बनवाना चाहता है तो वह ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश/संदीप-hindusthansamachar.in

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