अग्रिम चिन्हीकरण तथा सुपर सैंपलिंग से धौलपुर में टूटेगी कोरोना की कमर

अग्रिम चिन्हीकरण तथा सुपर सैंपलिंग से धौलपुर में टूटेगी कोरोना की कमर
अग्रिम चिन्हीकरण तथा सुपर सैंपलिंग से धौलपुर में टूटेगी कोरोना की कमर

धौलपुर, 28 जून (हि.स.)। देश और प्रदेश के साथ साथ अब धौलपुर जिले में भी कोरोना पॉजिटिवों की संख्या में बढोतरी हो रही है। बीते दिनों में यह संख्या छह सौ को पार कर गई है। लेकिन कोरोना पॉजीटिवों की संख्या में यह बढोतरी जिला प्रशासन की उस कवायद का हिस्सा है,जिसमें कोरोना संक्रमितों के अग्रिम चिन्हीकरण के साथ सुपर सैंपलिंग करके कोरोना के मरीजों की समय रहते ही पहचान करना है। कोरोना की पहचान के बाद में उनके आईसोलेशन और उपचार की प्रक्रिया के बाद में कोरोना की संभावित घातकता पर अंकुश लगाया जा रहा है। जिला प्रशासन की यह कवायद कोरोना की कमर को तोडन के लिए रामबाण मानी जा रही है। राजस्थान के पूर्वी सिंहद्वार कहे जाने वाले धौलपुर जिले में कोरोना के साथ संघर्ष की कहानी बयां करें,तो मई माह में ही जिले में करीब तीस हजार प्रवासी श्रमिकों की घपर वापसी हुई है। रोजी रोटी की तलाश में अपना घर छोडकर परदेश गए यह श्रमिक कोरोना संकट काल में अब गुजरात, मध्यप्रदेश,दिल्ली, महाराष्ट्र,पंजाब तथा हरियाणा सरीखे रेडजोन इलाकों से घर आए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने धौलपुर में कोरोना संक्रमण की संभावित रोकथाम के लिए बडे पैमाने पर सैंपलिंग कराई। इससे कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढोतरी तो हुई,लेकिन घातक कम्युनिटी स्प्रेड को रोका जा सका। वैश्विक महामारी बने कोरोना के विरुद्व कडे संघर्ष में जिला प्रशासन ने पूर्व से ही बेमसिाल और प्रभावी तैयारी की। कोरोना संक्रमण काल के शुरूआती दिनों में ही जिला कलेक्टर आरके जायसवाल ने 2042 सर्वें और निगरानी दल गठित किए। स्वास्थय कर्मियों,शिक्षकों तथा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की सहभागिता वाले इन दलों ने आवंटित किए गए इलाकों में कई कई बार सर्वें का कार्य किया। सर्वें में खांसी,जुकाम और बुखार के रोगियों का चिन्हीकरण किया गया। इसके अलावा बाहर से आने वाले लोगों और हाईरिस्क कैटेगिरी के लोगों की भी पडताल की गई। इससे कोरोना के प्रसार में जिला प्रशासन ने प्रारंभिक जंग जीत ली। जायसवाल ने बताया कि कोरोना के विरुद्व लडाई में हमने जदा से ज्यादा सैंपलिंग की रणनीति अपनाई। इस रणनीति के तहत कोरोना संभावित लोगों का अग्रिम चिन्हीकरण कर उनके सैंपल लिए गए। प्रवासी श्रमिकों के अलावा आमजन के लगातार संपर्क में आने वाले किराना,सोनोग्राफी सेंटर संचालक,डेयरी तथा अन्य को सुपर सैंपलिंग में शामिल किया गया। वहीं,हाईरिस्क केटेगिरी के लोगों की भी सैंपलिंग कराई गई। कोरोना के खिलाफ जंग की अपनी कार्ययोजना में प्रशासन ने सुपर स्प्रेडर कैटेगिरी को भी शामिल किया। सुपर सैंपलिंग के नतीजतन पॉजीटिवों की संख्या बढी,लेकिन कोरोना की घातकता पर प्रभावी रोक लग सकी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढोतरी प्रारंभिक चिंता का विषय तो है,लेकिन यह कोरोना संक्रमितों की वास्तविक तस्वीर को सामने लाने,समय रहते ऐसे लोगों की उपचार की व्यवस्था करने तथा कोरोना की संभावित घातकता के लिहाज से सुखद है। हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप/संदीप-hindusthansamachar.in

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