कोरोना से जंग: प्रधानमंत्री राहत कोष में लोग खुल कर दान दे रहे

कोरोना से जंग: प्रधानमंत्री राहत कोष में लोग खुल कर दान दे रहे

कोरोना से जंग: प्रधानमंत्री राहत कोष में लोग खुल कर दान दे रहे बीएचयू के प्रोफेसर ने एक लाख रूपये वेतन का तो पत्रकार की बेटी ने गुल्लक दिया दान वाराणसी, 31 मार्च(हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए लोग अब खुल कर दान दे रहे हैं। मंगलवार को बीएचयू के हिंदी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार सिंह ने अपना वेतन एक लाख रुपए दान किया। जिलाधिकारी कार्यालय में जाकर प्रो. सिंह ने दान की राशि का चेक स्टेनों को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब हम कार्य नहीं कर रहे है, तो ऐसे में घर बैठे मिले वेतन को आपदा में दान करना उचित समझा। सोमवार को ही उनके स्टेट बैंक के खाते में वेतन आया था। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा की घड़ी में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे जनमानस के कार्य को देखकर वे प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आगे भी आपदा में जो भी सम्भव प्रयास होगा वो करते रहेंगे। जिससे जरूरतमंदों को लाभ मिल सके। पूरे दिन लोग दान करने के लिए जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचते रहे। एक पत्रकार की बेटी कुमारी शिवानी दुबे ने गुल्लक में जमा किये गये अपने पैसे को गुल्लक समेत जिलाधिकारी को भेंट किया। मिश्रा गैस सर्विस के पवन पाण्डेय व मोहित ने 50-50 हजार का चेक, पशु चारे की दुकान चलाने वाले ने एक व्यक्ति ने आयकर विभाग द्वारा खाता सीज़ कर दिये जाने के बावजूद भी रु. 51000 रूपये नगद प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराया। आयकर बार एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष अधिवक्ता ओ.पी.शुक्ला व पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अरविंद ने 121000 का चेक जिलाधिकारी को सौंपा । हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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