कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम सभी शामिल - महामंडलेश्वर भवानीनन्दन यति

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम सभी शामिल - महामंडलेश्वर भवानीनन्दन यति

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम सभी शामिल : महामंडलेश्वर भवानीनन्दन यति जनपद के सभी देव स्थानों पर हुआ जनता कर्फ्यू का पालन सुबह आरती पूजन व भोग के बाद बंद कर दिए गए मंदिरों के कपाट मस्जिदों में भी नमाजियों की संख्या में आई कमी एहतियात के तौर पर दूरी बनाकर नमाज की जमात में खड़े हो रहे लोग गाजीपुर, 22 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री के आह्वान पर कोरोना वायरस के खिलाफ रविवार को जनता कर्फ्यू के पालन में जहां जनपद के सभी क्षेत्र शामिल रहे। वहीं जनपद स्थित प्रसिद्ध महार धाम, कामाख्या देवी मंदिर, चंडी माता मंदिर, सिद्धपीठ हथियाराम मठ व सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ पर भी जनता कर्फ्यू का पालन किया गया। दोनों सिद्धपीठों सहित सभी मंदिरों के कपाट प्रातः आरती पूजन के बाद बंद कर दिए गए। वहीं सिद्धपीठ महामंडलेश्वर व पीठाधीश्वर जी महाराज द्वारा स्वयं को अपने कक्ष में ही रखकर लोगों से दूरी बनाए रखी गई। हालांकि पहले से ही जनता कर्फ्यू के दौरान मंदिर व मठों के बंद होने की सूचना से श्रद्धालु भी कम ही पहुंचे थे। लेकिन इसके बावजूद धर्म गुरुओं द्वारा लोगों से दूरी बनाकर इस महामारी के विरुद्ध युद्ध में अपनी सहभागिता निभाई गई। एक तरफ जहां हिंदू धर्मावलंबियों के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए वहीं मस्जिदों में ताले तो नहीं बंद हुए। लेकिन नमाजियों की संख्या में काफी कमी आई। लोग घर में ही नमाज पढ़ना उचित समझे। जो कुछ लोग मस्जिद पहुंचे भी उन्होंने नमाज की जमात में दूरी बनाकर कतार लगाई। जनपद में 650 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने बताया कि 2 दिन पूर्व से ही सिद्धपीठ के बड़े गेट पर ताला लगा दिया गया। जहाँ छोटे गेट से ही लोगों का आना जाना हो रहा था। ऐसे में आज रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान प्रातः कालीन पूजन अर्चन के बाद मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। व सिद्धपीठ में लोगों का प्रवेश भी बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहाकि इस महामारी के खिलाफ जंग में समूचा विश्व एक साथ खड़ा है। यह संकट किसी एक देश धर्म या समाज पर नहीं बल्कि समूचे मानव जाति पर है। ऐसे में इसके विरुद्ध जंग में हम सभी की सहभागिता होनी चाहिए। जखनियां क्षेत्र के लगभग 400 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ के पीठाधीश्वर शत्रुघ्न दास जी महाराज ने बताया कि प्रातः काल समाधिस्त संतों को आरती पूजन कर कपाट बंद कर दिए गए। लोगों का मठ में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ प्रधानमंत्री द्वारा आह्वान किए गए जनता कर्फ्यू को हम लोगों का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त रहा। समूचे क्षेत्र में जाति धर्म दीवार तोड़कर एक साथ इस जंग में अपना सहयोग प्रदान किया। ऐसे में सभी लोग सरकार के साथ रहे। इस महामारी से बचाव में सरकार आगे भी जो निर्णय लेगी सभी लोग उसका पालन करेंगे। सेवराई तहसील अंतर्गत प्रख्यात कामाख्या देवी मंदिर महंत पंडित आकाश तिवारी ने बताया कि मंदिर समिति अध्यक्ष जन्मेजय सिंह की अध्यक्षता में 31 मार्च तक मंदिर के कपाट बंद रखने का निर्णय लिए गए हैं। इस दौरान पूर्व निर्धारित पुजारियों द्वारा सुबह शाम दैनिक भोग व आरती पूजन सुषमा रुप से संपन्न करा लिया जाएगा। मरदह क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध महार धाम पर शिव मंदिर के ताले भी दिनभर बंद रहे। प्रधान पुजारी गुलाब दास ने बताया कि 2 दिन पूर्व ही मंदिर समिति अध्यक्ष जितेंद्र नाथ पांडेय की अध्यक्षता में बैठक कर उक्त निर्णय लिया गया। सुबह पुजारियों द्वारा पूजन अर्चन के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। हालांकि शाम को 5:00 बजे घंटे घड़ियाल के साथ पूजन अर्चन किया गया। एक तरफ जहां सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट दिनभर बंद रखे गए वहीं बड़े मंदिरों पर 31 मार्च तक कपाट बंद रखने का निर्णय लिया गया। जबकि जनपद के मस्जिदों से ऐसा कोई फरमान नहीं जारी हुआ। लेकिन एहतियात के तौर पर नमाजियों द्वारा घर से नमाज पढ़ी जा रही है जो सुरक्षा के लिहाज से काफी बेहतर साबित हो रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीराम/राजेश-hindusthansamachar.in

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