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प्रसंगवश- यही अवसर था, है, और रहेगा : यशवंत धोटे
["आज से 30 साल पहले ग्रामीण रोजगार गारन्टी में काम करने वाले अफसरों के साथ हम बातचीत करते थे तो उनकी समस्या बड़ी अजीबोगरीब हुआ करती थी। फंड इतना अधिक था कि काम क्या कराए यही समझ नहीं आता था। क्लिक »-www.navpradesh.com