रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

आकाश राय नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित करने पर इसे संविधान और लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लगातार नीति और सिद्धांतों को तार-तार करने में लगी है। संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया जाना न्यायपालिका पर आघात है। उन्होंने यह भी कहा कि हम यहां व्यक्ति विशेष के संबंध में बात नहीं कर रहे बल्कि हमारा सवाल नीति और सिद्धांत के मुद्दे से जुड़ा है। पिछले 70 साल में विभिन्न पार्टी की सरकारों और नेताओं ने जिन सिद्धांतों को बनाया है, आज उसका उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान न्यायपालिका और विधायिका के बीच सत्ता के अलगाव (सेपरेशन ऑफ पावर) पर आधारित है लेकिन आज जिस तरह से सरकार संस्थाओं का प्रयोग करने में लगी है, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा अक्सर जज रंगनाथ मिश्रा का उदाहरण देती है कि कांग्रेस ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन यह सच नहीं बताती कि कांग्रेस ने रंगनाथ मिश्रा को मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़ने के छह साल बाद राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। इसी प्रकार मुहम्मद हिदायतुल्लाह का उदाहरण दिया जाता है लेकिन उनके राज्यसभा पहुंचने और पद छोड़ने के बीच नौ साल का अंतर था। जस्टिस बहरुल इस्लाम पद से हटने के छह साल बाद राज्यसभा पहुंचे थे। दूसरी तरफ भाजपा गोगोई को पद छोड़ने के चार महीने के अंदर ही राज्यसभा भेजने में लगी है। सिंघवी ने कहा कि नियम के मुताबिक पद से हटने के न्यूनतम दो वर्ष तक नई नियुक्ति नहीं होनी चाहिए, जिसे कूलिंग ऑफ पीरियड कहा जाता है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्ष की सलाह मानना तो दूर भाजपा सरकार अपने वरिष्ठ साथियों की भी नहीं सुनती। उन्होंने पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि कि सेवानिवृत्ति के दो साल के अंतर के बाद ही कहीं नियुक्ति होनी चाहिए अन्यथा यह व्यवस्था को प्रभावित करता है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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