कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछा, क्या सीमा पर घुसपैठ की सच्चाई छिपाने से सेना का मनोबल नहीं गिर रहा?
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछा, क्या सीमा पर घुसपैठ की सच्चाई छिपाने से सेना का मनोबल नहीं गिर रहा?

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछा, क्या सीमा पर घुसपैठ की सच्चाई छिपाने से सेना का मनोबल नहीं गिर रहा?

नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। भारतीय जमीन पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र की मोदी सरकार के प्रति हमलावर है। ऐसे में एक बार फिर विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार सीमा पर चीनी सैनिकों की आक्रामता की सच्चाई छिपाने में लगी है। जबकि उपग्रह से प्राप्त चित्र, मीडिया रिपोर्ट और रक्षा विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अंदर 18 किलोमीटर तक चीन की पीएलए की सेना घुस चुकी है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात को नकारते रहे हैं। क्या इस प्रकार सच को नकारने की नीति से सेना का मनोबल नहीं गिर रहा? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पल्लम राजू, जितेंद्र सिंह तथा प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज कांग्रेस पार्टी 134 करोड़ देशवासियों के साथ शहीद सम्मान दिवस मना रही है। जो भारतीय सेना देश की रक्षा और सुरक्षा करती है, इस देश को एक रखती है, उनका सम्मान करने के लिए गांव-गांव में, शहरों में, हर इलाके में आज सम्मान दिवस मनाया जा रहा है। पल्लम राजू ने कहा कि आज देश के सामने पड़ोसी देश से बहुत बड़ा खतरा है। मोदी जी की कमजोर सरकार में आज देश की एलएसी के अंदर 18 किलोमीटर तक चीन की पीएलए की सेना घुस चुकी है। उपग्रह के चित्र, मीडिया की रिपोर्ट और रक्षा विशेषज्ञ आज कह रहे हैं कि पीपी-10 और पीपी 13 तक अब हमारी भारतीय सेना के जवान और अफसर रक्षा नहीं कर सकते। पीएलए की सेना 7 किलोमीटर दूर लद्दाख के गांव के पास पहुंच चुकी हैं। डीबीओ की जो हवाई पट्टी है, वो सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। इसका मतलब है कि वो सीधा फायर कर सकते हैं। इतना ही नहीं हाल ही में आई सेटेलाइट की तस्वीरें बताती हैं कि छह जून से 24 जून तक नया निर्माण हुआ है, बंकर बने हैं और भाजपा सरकार चुप बैठी है। कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे पहले वर्ष 2013 में भी पीएलए की सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन तब हमारी बहादुर सेना सीमा पर डटकर खड़ी रही और उन्हें पीछे खदेड़ दिया था। लेकिन आज की हकीकत और सरकार की बयानबाजी दोनों अलग-अलग कहानी कह रही हैं। एक तरफ विदेश मंत्रालय ने 19-20 जून की अपनी रिपोर्ट में साफ कहा कि पीएलए हमारी सीमाओं में घुस चुकी है। कई तरह के निर्माण हुए हैं लेकिन प्रधानमंत्री जी कुछ और ही कह रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वो झूठ नहीं बोल रहे? क्या इससे सेना का मनोबल नहीं गिर रहा?। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी पांच बार चीन हो आए, तीन बार चीनी राष्ट्रपति यहां आ गए। इनकी कुल 18 मुलाकातें हो गई। उन मुलाकातों का देश को क्या फायदा मिला? कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि हमारी सेना ने पहले भी चीन को खदेड़ा है और आगे भी खदेड़ देगी। लेकिन अगर कोई संशय पैदा होता है, तो उसको भी सामने लाना जरूरी है और वो संशय है- भाजपा सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति। यह देश के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संशय इसलिए पैदा होता है क्योंकि प्रधानमंत्री सत्य को स्वीकारना नहीं चाहते और न देश से साझा करना चाहते हैं। वो शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपाकर कह देते हैं कि हमारे देश में कोई आया ही नहीं। इस देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विदेश मंत्रालय को दो बार लिखित रूप से प्रधानमंत्री के झूठ को खारिज करना पड़ा है। ये कोई छोटी बात नहीं है। भारतीय सेना चीन को खदेड़ना चाहती है लेकिन सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही। अगर सरकार ही हमारा सिर झुका दे, तो उससे प्रश्न पूछना हमारा कर्तव्य है। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/बच्चन-hindusthansamachar.in

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