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मुख्यमंत्री ने गौठान में संचालित गतिविधियों व उत्पादों का किया अवलोकन

ग्राम कोंगेरा में ग्रामीणों के द्वारा किया गया अभूतपूर्व स्वागत कोंडागांव, 27 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर संभाग प्रवास के दौरान बुधवार को जिले के बड़े राजपुर विकासखण्ड के ग्राम कोंगेरा पहुंचे, जहां पर ग्रामीणों ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आदर्श गौठान कोंगेरा सहित विभिन्न स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में संचालित बकरीपालन, कुक्कुट पालन, दोना-पत्तल निर्माण केन्द्र, दाल प्रोसेसिंग-पैकेजिंग इकाई, गोधन दुग्ध उत्पादन केंद्र सहित समूहों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों व गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, प्रदेश के आबकारी एवं वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, केशकाल विधायक संतराम नेताम सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। मुख्यमंत्री बघेल जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर ग्राम कोंगेरा (बड़ेराजपुर) में आज अपराह्न एक बजे हेलीकॉप्टर से पहुंचे, जहां पर आदर्श गौठान परिसर में बिहान समूह की महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर तथा लोकनर्तकों ने बस्तर के पारम्परिक आदिवासी नृत्य के साथ स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने गोठान परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टाॅल का अवलोकन किया। इसके बाद मशरूम उत्पादन यूनिट का उन्होंने अवलोकन किया, जिसमें स्वसहायता समूह की महिलाओं से एस्ट्राॅएड मशरूम उत्पादन एवं उनसे होने वाली आय की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बकरीपालन शेड, कुक्कुट पालन शेड, गोधन दुग्ध उत्पादन केन्द्र, दाल प्रोसेसिंग- पैकेजिंग कक्ष का अवलोकन कर उनकी गतिविधियों की जानकारी ली। धान की बोरियों से तौले गए मुख्यमंत्री अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तराजू में बिठाकर धान की बोरियों से तौला गया। स्थानीय विधायक संतराम नेताम ने उन्हें किसानपुत्र निरूपित करते हुए फूलों से सुसज्जित तराजू के एक पलड़े में मुख्यमंत्री को तथा दूसरे पलड़े में धान की बोरियों को रखा गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में नारियल का पौधा रोपकर उसे सींचा। ढेंकी और जांता ने दिलाई पुरातन परम्परा की याद गौठान में ग्रामीण महिलाओं ने ढेंकी व जांता चलाती हुई नजर आईं, जिसे देखकर मुख्यमंत्री उत्साहित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ढेंकी और जांता (धान कूटने व चावल पीसने का उपकरण) छत्तीसगढ़ की पुरातन परम्परा है, जिसे संजोकर रखने की जरूरत है। ग्रामीणों ने बताया कि अंचल में आज भी इसका चलन बदस्तूर जारी है। गाय की पूजा कर चारा खिलाया- मुख्यमंत्री बघेल ने गौठान निरीक्षण के दौरान गाय की पूजा की तथा चारा खिलाकर प्रदेश की प्रगति एवं खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद उन्होंने गौठान के दूसरी ओर निर्मित वर्मी टांके, वर्मी कम्पोस्ट शेड, कोटना आदि का निरीक्षण किया। साथ ही गौरी महिला स्वसहायता समूह द्वारा 2.25 एकड़ में आधुनिक तरीके से लगाए गए मुनगा, बरबट्टी, टमाटर, गोभी आदि सब्जी की पैदावार का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया तथा अच्छे कार्य के लिए उनका उत्साहवर्धन किया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in

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