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छत्तीसगढ़ बजट : छत्तीसगढ़ी कला, संस्कृति एवं पर्यटन का विकास, पृथक संचालनालय का गठन

छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन रायपुर ,1 मार्च (हि.स.)I राज्य की पुरातात्विक धरोहरों के अध्ययन, खोज एवं संधारण कार्याें को गति देने के लिये पुरातत्व विभाग के पृथक संचालनालय का गठन किया जायेगा।छत्तीसगढ़ से संबंधित अभिलेखों के संधारण एवं प्रदर्शन हेतु अभिलेखागार भवन निर्माण के साथ-साथ डिजिटाइजेशन एवं मोबाइल एप्प का विकास किया जायेगा। इन सभी कार्यों के लिए 2021-22 के बजट में 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य में विभिन्न कलाओं तथा विधाओं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन किया गया है। नवा रायपुर में भारत भवन, भोपाल की तर्ज पर छत्तीसढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र का निर्माण किया जायेगा। मानव विकास का क्रम, रहन-सहन, तीज-त्यौहार, प्राचीन कला, परंपरागत विधाओें के प्रदर्शन हेतु मानव संग्रहालय के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं नृत्यों के संरक्षण तथा संवर्धन हेतु लघु फिल्म, डॉक्यूमेन्ट्री तथा अन्य कार्यों हेतु 2021-22 में 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु ‘‘छायांकित अभिलेखीकरण श्रृंखला’’ के अंतर्गत कमार, अबूझमाड़िया, बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, भुंजिया एवं पण्डो जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों सहित कुल 35 जनजातियों की जीवनशैली पर आधारित फोटो हैण्डबुक्स का प्रकाशन किया गया है।जनजातीय संस्कृति में आस्था के प्रतीक देवगुड़ी स्थल के निर्माण और संरक्षण के लिये 5 लाख तक का अनुदान दिया जायेगा। अबूझमाड़िया जनजाति समुदाय में प्रचलित घोटुल प्रथा को संरक्षित रखने के लिये विशेष प्रयास किया जायेगा। शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक एवं संग्रहालय के निर्माण हेतु 2021-22 में 5 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान रखा गया है।नवनिर्मित आदिवासी संग्रहालय की गैलरी में जनजातीय संस्कृति के प्रदर्शन की व्यवस्था हेतु 01 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।आदिवासी जन-जीवन एवं ग्रामीण संस्कृति के प्रति विदेशी पर्यटकों तथा अन्य लोगों की भी रूचि को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में होम-स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रति आम जनता की श्रद्धा एवं लोकप्रियता को देखते हुए योजना अंतर्गत चिन्हित कार्यों को गति प्रदान करने हेतु 2021-22 में 30 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। पर्यटन के नवीन क्षेत्र में नई संभावना के तौर पर हसदेव बांगो जलाशय सतरेंगा, जिला कोरबा में विश्व स्तरीय साहसिक जल क्रीडा गतिविधियों का संचालन प्रारंभ करने की योजना है। भविष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं विकास वन सम्पदा के दोहन के साथ-साथ वन क्षेत्रों के विस्तार एवं गुणात्मक सुधार हेतु भी निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। 36 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े वनों के सुधार कार्य हेतु वर्ष 2021-22 में 257 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। नदियों के संरक्षण हेतु नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत 15 लाख पौधों के रोपण हेतु 7 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बेमेतरा जिले के परसदा एवं गिधवा ग्राम के आसपास स्थित विभिन्न जलाशयों एवं वेट लैण्ड में बड़ी संख्या में स्थानीय एवं प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष आते हैं। राज्य में प्रथम बार इनके संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु ठोस कार्रवाई करते हुए इस क्षेत्र को उत्कृष्ट ईको पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा

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