chhattisgarh-budget-attempts-to-reduce-the-cost-of-installments-by-giving-incentive-amount-to-farmers
chhattisgarh-budget-attempts-to-reduce-the-cost-of-installments-by-giving-incentive-amount-to-farmers

छत्तीसगढ़ बजट : किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर कास्त लागत को कम करने का प्रयास

रायपुर , 01 मार्च(हि.स.)। मुख्यमंत्री ने अपने बजट को लेकर कहा कि हमारी मंशा प्रदेश को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की है। अंग्रेजी के इस HEIGHT शब्द के हर अक्षर में विकास की अवधारणा के भिन्न-भिन्न आयाम समाहित हैं। किसानों को न्याय राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर कास्त लागत को कम करने का प्रयास किया है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले से चयनित कुल 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 2021-22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है।सौर सुजला योजना अंतर्गत अब तक 31 हजार 712 सोलर पंपों की स्थापना की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है। पशुपालकों को न्याय गोठानों को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। गोठान समितियों द्वारा पशुपालकों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर क्रय हेतु 80 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। अब तक 71 हजार 300 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है। वर्तमान में 7 हजार 841 स्व-सहायता समूह गोठान की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। इन समूहों के लगभग 60 हजार सदस्यों को वर्मी खाद उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, गोबर दिया निर्माण इत्यादि विभिन्न गतिविधियों से 942 लाख की आय प्राप्त हो चुकी है।गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। मछुआरों को न्याय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in